UP : पुलिस हिरासत में अतीक और अशरफ की हत्या के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट,17 पुलिसकर्मी सस्पेन्ड

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस की हिरासत में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जिसमें तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित कर पूरे घटनाक्रम की जांच कराने के निर्देश दिए। ने अधिकारियों को फील्ड में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं.

उन्होंने कहा है कि यूपी में शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए. इसमें सभी प्रदेश वासी सहयोग भी कर रहे हैं. आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी ना आए इसका ध्यान रखें. सीएम योगी ने कहा कि कानून के साथ कोई भी खिलवाड़ न करे. उन्होंने जनता से अपील की है कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इसके अलावा प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को प्रयागराज भेजा गया है। इस मामले में 17 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। सीएम आवास की सुरक्षा बढा दी गई है और पुलिस कमिशनर संवेदनशील इलाकों में निकले हैं।

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इसके अलावा समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा मुख्यालय के आसपास भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है. अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर पर सवाल उठाने वाले विपक्षी पार्टियों के नेता नजरबंद किए गए हैं.

सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज में हुई घटना के बाद प्रदेश पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। खासकर प्रयागराज में बड़ी तादाद में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। घटनास्थल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। प्रयागराज पुलिस के अलावा एसटीएफ भी घटनास्थल से सुबूत बटोर रहे हैं। मौके पर रैपिड एक्शन फोर्स और पीएसी बल की तैनाती भी की गई है। डीजीपी आरके विश्वकर्मा और स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार पूरे घटनाक्रम की गहनता से मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

पुलिस कस्टडी में स्वास्थ्य जांच के लिए शनिवार देर राहत कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आए तीन बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना की सूचना पर पुलिस के साथ-साथ प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। खबर लिखे जाने तक मौके पर भारी फोर्स के साथ-साथ कई वरिष्ठ अफसर पहुंच गए थे। गोलीबारी में एक सिपाही भी घायल होने की सूचना है।

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बीच चौराहे मारी गई अतीक को गोली

15 अप्रैल की रात अतीक और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यूपी पुलिस दोनों को मेडिकल के लिए ले जा रही थी, इसी दौरान उन पर हमला हुआ. जिसमें दोनों की मौत हो गई. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 युवकों ने अतीक और अशरफ को गोली मारी है. तीनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इस हमले के दौरान एक पुलिस कॉन्स्टेबल भी घायल हुआ है.

अतीक और उसके भाई की हत्या तब हुई, जब दो दिन पहले ही उसके बेटे की झांसी में एक कथित एनकाउंटर के दौरान मौत हुई थी. यूपी पुलिस ने दावा किया था कि झांसी में असद और उसके सहयोगी गुलाम को एनकाउंटर में मार दिया गया.

उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ चार दिन की पुलिस कस्टडी में थे। शनिवार को तीसरे दिन धूमनगंज थाने के लॉकअप में बंद अतीक व अशरफ से एटीएस ने हथियार तस्करी की बाबत पूछताछ की थी। रात लगभग साढ़े दस बजे जब दोनों को रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था। तभी मीडियाकर्मी बनकर तीन बदमाश बाइक से आए और ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी।

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उधर, अतीक और अशरफ की हत्या के बाद राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने कहा कि किसी की सहानुभूति अतीक के साथ नहीं है लेकिन मानवीय तौर पर देखा जाए तो किसी भी इस तरह हत्या होना ठीक नहीं है.   मुख्यमंत्री जी को जवाब देना चाहिए कि जब एनकाउंटप होता है तो पुलिस कर्मियों की पीठ थपथपाते हैं. क्योंकि पुलिस वालों की जिम्मेदारी बनती है कि वो अपराधी को सजा दिलवाएं. ग्राउंड पर कानून का कोई राज नहीं है. मुख्यमंत्री खुद इस तंत्र में शामिल हैं, आज उनकी खुद की जवाबदेही बनती है.

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