दो वर्ष बाद काठगोदाम से शुरू हुई आदि कैलाश यात्रा, पहली बार होगी ये सहूलियत…

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उत्तराखण्ड में कोविड काल के दो वर्षों बाद आज एक बार फिर आदि कैलाश यात्रा शुरू होने से यात्रियों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है । यात्रा में शामिल नाबालिग और वृद्ध यात्री काफी उत्साहित दिखे । यात्रा के आयोजक कुमाऊं मंडल विकास निगम(के.एम.वी.एन.)ने कहा कि यात्रियों की बढ़ती संख्या देखकर लगता है कि पहले के 250 यात्रियों के सापेक्ष इस यात्रा में 1600 यात्री पहुंचने की उम्मीद है ।


विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन करने में उत्तराखंड सरकार और के.एम.वी.एन.का बड़ा योगदान रहता है । इसके अलावा के.एम.वी.एन.देश के भीतर आदि कैलाश यात्रा का आयोजन भी करती है जो कैलाश मानसरोवर यात्रा की तर्ज पर संचालित की जाती है । काठगोदाम से शुरू इस यात्रा में भीमताल, अल्मोड़ा, जागेश्वर, पिथौरागढ़, धारचूला, गूंजी होते हुए आदि कैलाश और वापस गूंजी से ओम पर्वत के बाद धारचूला के रास्ते काठगोदाम पहुंचकर यात्रा सम्पन्न होती हैं । यात्रा में शामिल 30 लोगों का स्वागत भीमताल टी.आर.सी.में कुमाऊनी परिधान में महिला ने तिलक लगाकर किया। इस वर्ष ये यात्रा पहली बार वाहनों से होगी, जबकि इससे पहले इस यात्रा में कई दिनों तक पैदल चलना पड़ता था। इस यात्रा में 15 पुरुष और 15 महिला यात्री शामिल हैं। लगभग 7 दिन की इस यात्रा को पहले 14 दिनों में पूरा किया जाता था । कुमाऊं मंडल के कर्मचारियों ने इस मौके पर वृक्षारोपण भी किया । इस बार यह यात्रा निजी संस्था ‘ट्रिप टू टेंपल’ और के.एम.वी.एन.के सहयोग से चलाई जा रही है ।के.एम.वी.एन. के एम.डी.विनीत तोमर ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं और यात्रा में आने वाली समस्याओं का वहीं निस्तारण किया जातेगा । यात्रियों का भी उत्साह देखते ही बनता है ।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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