उत्तराखंड के कोटद्वार में अग्निवीर भर्ती के लिए मानपुर के दो सगे भाइयों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तहसील से स्थायी निवास प्रमाणपत्र प्राप्त करना महंगा पड़ गया। मामला संज्ञान में आने के बाद तहसील प्रशासन ने प्रमाणपत्र निरस्त कर दिए और दोनों भाइयों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
राजस्व उपनिरीक्षक सुखरो पट्टी आशीष चंद्र केमनी ने बताया कि जुलाई माह में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर भर्ती के लिए सैकड़ों युवाओं ने स्थायी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। तहसील प्रशासन ने भी युवाओं को बिना किसी देरी के प्रमाणपत्र जारी कर दिए। इसी दौरान 19 जुलाई को दोनों भाई मानपुर निवासी प्रवीण कुमार और दीपक ने स्थायी निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया।
बीस जुलाई को दोनों को स्थायी निवास प्रमाणपत्र जारी हो गए। बाद में दस्तावेजों की गहनता के साथ जांच करने पर प्रमाणपत्र के लिए लगाई गई खतौनी और बिजली के बिल में छेड़छाड़ करने का मामला पकड़ में आया। उन्होंने बताया कि फर्जी दस्तावेज लगाए जाने पर दोनों के स्थायी प्रमाणपत्र निरस्त कर दिए गए हैं।
साथ ही दोनों युवकों के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी गई है। कोतवाल विजय सिंह ने बताया कि राजस्व उपनिरीक्षक आशीष चंद्र केमली की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर प्रवीण कुमार और दीपक निवासी मानपुर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इसके बाद दोनों युवकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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