कुमाऊं और बंगाल की संस्कृति का अनूठा संगम, नैनीताल में दुर्गा पूजा का रंगारंग समापन

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उत्तराखण्ड के नैनीताल में आज दुर्गा माँ के साथ अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों का नगर भ्रमण के बाद विरार्जन कर दिया गया। मुख्य मंदिर में अस्थाई रूप से स्थापित इन मूर्तियों को बाजार, मॉलरोड घूमाने के बाद नैनीझील में विसर्जित किया गया।


नैनीताल के माँ नयनादेवी मन्दिर परिसर में चल रहे माँ दुर्गा महोत्सव का आज दुर्गा, गणेश, कार्तिकेय की मूर्तियों के विसर्जन के साथ ही महोत्सव सम्पन्न हो गया है। आज धूमधाम से माँ दुर्गा के डोले को सैकड़ों भक्तों ने नगर भ्रमण कराया, जिसके बाद दुर्गा माँ के डोले को नैनीझील में विसर्जित कर दिया जाएगा। माँ के दर्शन के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा।

नगर भर्मण में कुमाऊनी छोलिया नृत्य के साथ बंगाली संस्कृति की झलक देखने को मिली। स्कूली बच्चों ने देवी देवताओं और राक्षसों के रूप धारण कर रखे थे। डोले में गाड़ी से प्रसाद वितरित किया गया। डोला चलने से पहले महिलाओं ने मंदिर प्रांगण में एक दूसरे को सिंदूर लगाया और माँ दुर्गा को नम आंखों से विदाई दी। नगर भ्रमण के बाद इको फ़्रेंडली मूर्तियों को नैनीझील में विसर्जित कर दिया गया।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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