उत्तराखंड के पूर्व DGP के खिलाफ शासन ने कार्यवाही की दी मंज़ूरी,दर्ज होगा मुक़दमा ?

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UK : पूर्व डीजीपी उत्तराखंड बीएस सिद्धू के खिलाफ जल्द ही मुकदमा दर्ज हो सकता है उन पर मसूरी में सरकारी जमीन पर कब्जे की कोशिश और पेड़ काटने का आरोप है शासन ने उनके खिलाफ मुकदमे की मंजूरी दे दी है जिसके बाद वन विभाग मुकदमा दर्ज करवाने की तैयारी में जुट गया है.

प्रदेश के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर मार्च 2013 में वीरगिरवाली, राजपुर के आरक्षित वन क्षेत्र में भूमि खरीदने और पेड़ों का अवैध कटान के आरोप हैं। ये आरोप भी हैं कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए वन अधिनियम के तहत सरकारी काम करने वाले अधिकारियों के कार्य में बाधा डाली। उनकी सेवानिवृत्ति से ठीक एक दिन पहले उन्हें 29 अप्रैल 2016 को चार्जशीट थमाई गई थी।

जानिए क्या है पूरा मामला

हालांकि सिद्धू ने अपने जवाब में चार्जशीट में लगाए गए तमाम आरोपों को नकार दिया था। इसके बाद कई जांच अधिकारी बदले गए। अक्टूबर 2019 में पूर्व आइएएस डीके कोटिया को यह जांच सौंपी गई। उनकी जांच पूरी होती इस बीच कोरोना संक्रमण के कारण लाकडाउन लग गया। वर्ष 2021 में दूसरी लहर के बाद परिस्थितियां ठीक हुई तो जांच आगे बढ़ी।

पूर्व डीजीपी सिद्धू ने वर्ष 2012 में मसूरी वन प्रभाग में वीर गिरवाली गांव में 1:30 हेक्टेयर जमीन खरीदी इस जमीन से मार्च 2013 में साल के 25 पेड़ काट दिए गए सूचना मिलने पर वन विभाग ने इसकी जांच कराई तो पता चला कि संबंधित पेड़ जिस जमीन पर हैं वह रिजर्व फॉरेस्ट है सिद्धू ने अवैध तरीके से जमीन खरीदी साल के पेड़ भी काट दिए इस मामले में वन विभाग ने उनके खिलाफ जुर्माना भी काटा था बाद में जमीन कि सिद्धू के नाम की गई रजिस्ट्री भी कैंसिल की गई इस मामले में कुछ समय पूर्व ही वन विभाग ने सिद्धू पर रिजर्व फॉरेस्ट में जमीन कब्जाने और पेड़ कटान के आरोप में आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने की अनुमति शासन से मांगी थी वन सचिव विजय कुमार यादव की ओर से उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की अनुमति दे दी गई है

शासन ने पीसीसीएफ को इस मामले में कार्रवाई के लिए लिखा है इसके बाद उन्होंने डीएफओ मसूरी को पूरे मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए डीएफओ मसूरी आशुतोष ने बताया कि पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन का पत्र मिल गया है कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ।

इस मामले में पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू ने कहा है कि मेरे खिलाफ वन विभाग जुर्म काटने की कार्रवाई कर चुका है जो गलत थी इस मामले में जिला न्यायालय ने मेरे खिलाफ आईपीसी में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति को खारिज कर दिया है ऐसे में शासन में अगर मेरे खिलाफ मुकदमे की अनुमति दी है तो वह गलत है उसके खिलाफ में आगे कानूनी कार्रवाई करूंगा .

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