उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ ने जिंदल ग्रुप सोसायटी को रानीखेत के नैनीसार में सरकारी भूमि आवंटित करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व में लगी रोक को हटा दिया और कार्यदायी संस्था को स्कूल निर्माण करने के निर्देश जारी किए हैं। आज सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से नियुक्त स्पेशल काउंसिल वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह ने कोर्ट को अवगत कराया कि इस स्कूल के बनने से क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिलने के साथ ही स्थानीय लोगो को रोजगार भी मिलेगा। इसलिए इसपर लगी रोक को हटाया जाए।
मामले के अनुसार, अल्मोड़ा निवासी बिशन सिंह और पी.सी.तिवाड़ी की ओर से नवंबर 2015 में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी । याचिका में कहा गया था कि रानीखेत तहसील के नैनीसार में राज्य सरकार ने 22 सितंबर 2015 को हिमांशु एजुकेशन सोसायटी को 353 नाली भूमि बिना मानकों के आवंटित कर दी। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार ने विधि के विरुद्ध जाकर अपने चेहतों को यह भूमि आवंटित कर दी है, जिसे निरस्त किया जाय। वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने बताया कि आज न्यायालय ने जिंदल ग्रुप सोसायटी को रानीखेत के नैनीसार में सरकारी भूमि आवंटन मामले में लगी रोक को हटाकर स्कूल निर्माण के निर्देश जारी किए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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