नवाब मालिक की ED रिमांड ख़त्म , कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा..
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक की ED हिरासत अब खत्म हो गई है. मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने अब उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. नवाब मलिक 14 दिन यानी 21 मार्च तक ज्यूडिशियल कस्टडी में रहेंगे. ED ने उन्हें 23 फरवरी को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था.
इससे पहले अदालत ने अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की हिरासत सात मार्च तक बढ़ा दी थी. ईडी ने मलिक को गिरफ्तार कर 3 मार्च तक की रिमांड पर लिया था.
दरअसल नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, कोर्ट ने उन्हें 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। ये हिरासत ख़त्म होने के बाद उन्हें एक बार फिर से कोर्ट में पेश किया गया था जिसके बाद उन्हें 7 मार्च तक के लिए ईडी हिरासत में भेज दिया था।
एनसीपी नेता की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि उन्होंने सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के जरिए से 300 करोड़ की जमीन कुछ लाख में खरीदे थे। यह जमीन अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी-गैंग द्वार परेशान किये गए मुनीरा प्लम्बर की थी।
मलिक की गिरफ्तारी के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है। एक तरफ लगातार विपक्ष मलिक के इस्तीफे की मांग पर अड़ा है तो दूसरी तरफ राज्य के कई कार्यकर्ता और नेता नवाब मलिक को गिरफ्तार किए जाने का विरोध कर रहे हैं।
जानिए क्या होती है न्यायिक हिरासत
हिरासत में रहने के दौरान पुलिस आरोपी से कभी भी पूछताछ कर सकती है। वहीं, जब आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है तो उसे जेल भेज दिया जाता है। ऐसी स्थिति में अगर पुलिस को पूछताछ करनी होती है तो इसके पहले मजिस्ट्रेट का आदेश लेना जरूरी होता है। न्यायिक हिरासत के दौरान पुलिस हिरासत की प्रकृति को बदल नहीं सकती है।
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