माँ नन्दा सुनन्दा की मूर्ति निर्माण के लिए विधि विधान और धूम धाम से भक्त लाए कदली वृक्ष..

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उत्तराखंड में नैनीताल के लोकपर्व माँ नंदा देवी महोत्सव में लगने वाली मूर्ति के लिए आज भक्तगण दो कदली वृक्ष(केले का पेड़)लेकर धूमधाम से नैनीताल पहुंचे। मंदिर में घंटियों की मधुर ध्वनि के साथ भक्तों का स्वागत माँ नयना देवी मंदिर परिसर में किया गया।


नैनीताल में गुरुवार को माँ नंदा देवी महोत्सव के लिए कदली वृक्ष लेने निकली टीम आज शुक्रवार को लौट आई। टीम का स्वागत शहर के लोगों के साथ स्कूली बच्चों ने भी किया। राम सेवक सभा समिति की तरफ से आयोजित माँ नन्दा सुनंदा मेले में मूर्ति निर्माण के लिए हर वर्ष अलग अलग तय जगहों को टीमें जाती हैं। टीम शाम को निकलती है और रात्रि विश्राम के बाद सवेरे पूजा अर्चना और विधि विधान के साथ कदली वृक्ष का चयन कर उसे जड़ से उखाड़कर ले आती है।

इसे नैनीताल में लोगों के दर्शनों के लिए घुमाया जता है और फिर मूर्ति निर्माताओं को सौंप दिया जाता है। पूरी तरह से मूर्ति बनने के बाद उसकी प्राण प्रतिष्ठा होती है और भक्तों के दर्शनों के लिए रख दी जाती है। ज्यूलिकोट में पेड़ देने वाले सभी लोग देवी की
मूर्ति निर्माण के लिए जा रहे चयनित पेड़ को बैंड बाजे के साथ विदा करते हैं। पूर्व विधायक संजीव आर्य भी वहाँ मौजूद रहकर सभी की खुशहाली की प्रार्थना करते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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