Highcourt – कोर्ट खुद सुनेगा, फिर देखते हैं क्या न्यायालय को भी धमकी दी जायेगी ?
हल्द्वानी रेलवे ज़मीन मामला…
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हलद्वानी में रेलवे भूमि अतिक्रमण के याचिकाकर्ता रवी शंकर जोशी को धमकी देने के मामले में एस.एस.पी.से जांच कर दो हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है । उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने याची को धमकी देने पर सख़्त नाराजगी जताते हुए आरोपी को जेल भेजने तक की बात कही ।
मामले के अनुसार हल्द्वानी की रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने संबंधित जनहित याचिका में आज सुनवाई हुई । इसमें याचिकाकर्ता रवी शंकर जोशी की मूल पी.आई.एल.के अलावा नौ अंतरिम राहत व चार अन्य याचिकाएं दाखिल हुई, जिन्हें क्लब करते हुए एकसाथ सुना गया। याची ने दो जुलाई को मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा था कि हल्द्वानी के वनभुलपुरा की बस्ती बचाओ संघर्ष समिति की तरफ से चार लोगों ने उन्हें धमकी दी है । आरोपी उनके घर पहुंचकर उनकी अनुपस्थिति में उनकी माता को धमका गए । पुलिस को सूचना होने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाहीं नहीं कि ।
आज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ ने आरोपी के अधिवक्ता से पूछा कि क्या आरोपी कानून के ऊपर है, क्यों न उसे जेल भेज दिया जाए ? न्यायालय ने ये भी कहा कि अगर अब धमकी दी गई तो इस जनहित याचिका को वापस लेकर मामले का स्वतः संज्ञान लिया जाएगा और इसे न्यायालय खुद सुनेगा, फिर देखते हैं क्या न्यायालय को भी धमकी दी जाएगी ? न्यायालय ने
अखबार की खबर के आधार पर कहा कि एस..एस.पी ने धमकी का बयान दिया था । खंडपीठ ने एस.एस.पी.को दो सप्ताह में धमकी मामले में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है ।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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