हाई कोर्ट ने गुजरात सरकार कों लगाई फटकार.. चीफ जस्टिस बोलें कोरोना के आधिकारिक आंकड़े और वास्तविक आंकड़े मेल नहीं खाते दिख रहें हैं..ऐसे वक़्त में भी लोग पैसे बनाने में लगे हैं

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GANDHI NAGAR GUJRAT : देश में कोरोना वायरस के मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहें हैं. देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस दूबारा तेज़ी से पैर पसार रहा है. जिसमें महाराष्ट्र पंजाब के साथ साथ दिल्ली गुजरात, उत्तर प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों में भी कोरोना वायरस के मरीज़ो की संख्या उछाल देखने कों मिल रहा है.

जिसको लेकर कई राज्यों में रात्रि कर्फ्यू जारी किया है.. इसी बीच गुजरात की विजय रुपाणी सरकार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए फैल नज़र आ रही है. गुजरात में बढ़ते कोरोना मामलों का गुजरात हाई कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए विजय रूपाणी की खींचाई की. इतना ही नहीं राज्य में कोरोना संक्रमितों के आधिकारिक आंकड़ों और वास्तविक पॉज़िटिव मामलों के अंतर कों लेकर विजय रुपाणी सरकार से जवाब भी माँगा है.

मुख्य न्यायधीश विक्रम नाथ की अगुवाई वाली डिवीज़न बेंच ने हैरानी जताते हुए कहा कि विजय रुपाणी सरकार की ओर से दिए गए अंकडे वास्तविक आकड़ो से मेल नहीं खा रहें हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी जानना चाहा कि राज्य में अस्पतालों के बाहर एम्बुलेंसो की कतारे क्यों लगी हैं और मरीज़ो कों एडमिट होने के लिए धक्के क्यों खाना पड़ रहें..

उधर वकील जनरल कमल त्रिवेदी ने कोर्ट में यह दावा किया कि राज्य के अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बिस्तर उपलब्ध हैं. वकील की इस बात पर चीफ जस्टिस ने जवाब देते हुये कहा कि आप बोल रहें हैं कि 53 फीसदी बिस्तर भरे हुए हैं तो फिर प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में बिस्तर ना मिलने का इतना हाल्ला क्यों हों रहा है.

चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि अस्पताल उन मरीज़ो कों क्यों भर्ती नहीं कर रहा है जिन्हें ऑक्सीजन की ज़रूरत है. चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि मैं इस बात कों समझने में असमर्थ हूँ कि ऐसे वक़्त में भी लोग पैसा बनाने में लगे हैं. यहाँ तक कि ऑक्सीजन की काला बज़ारी हों रही है.

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