उत्तराखंड में गरमाया मुद्दा: BJP के पूर्व MLA राठौर ने नोटिस का जवाब दिया, कहा “शादी की ही नहीं, वीडियो हो तो दिखाओ”

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उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों एक नाम चर्चा का केंद्र बना हुआ है – सुरेश राठौर , भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व विधायक। हरिद्वार जिले के ज्वालापुर से विधायक रह चुके राठौर इन दिनों एक महिला के साथ कथित शादी को लेकर विवादों में घिरे हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस हमलावर है, जबकि भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। इसी नोटिस के जवाब में मंगलवार को सुरेश राठौर भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे और पार्टी नेतृत्व के समक्ष अपना पक्ष रखा।

जानिए – क्या है पूरा मामला?

15 जून को सुरेश राठौर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह उर्मिला सनावर को अपनी पत्नी मानते हैं। इसी बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इससे पहले, एक होटल में राठौर का एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे उसी महिला के बाल संवारते हुए नजर आए थे। इसके बाद विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा को घेरते हुए दावा किया कि यह यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का उल्लंघन है और भाजपा को अपने नेता पर कार्रवाई करनी चाहिए।

भाजपा का रुख और नोटिस

राजनीतिक दबाव और सार्वजनिक आलोचनाओं के बीच भाजपा ने संज्ञान लेते हुए सुरेश राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूरे प्रकरण पर लिखित स्पष्टीकरण मांगा। पार्टी की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि संगठन की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी आचरण को सहन नहीं किया जाएगा।

राठौर ने क्या कहा?

पार्टी कार्यालय पहुंचकर मीडिया से मुखातिब हुए सुरेश राठौर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा:

“मैंने न तो कोई शादी की है, न ही कोई मांग भरी है और न ही वरमाला डाली है। अगर किसी के पास ऐसा कोई वीडियो है, तो सामने लाएं।”

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है, जबकि खुद उसके कई नेताओं पर भी गंभीर आरोप हैं।

“अगर कांग्रेस को वीडियो ही दिखाने हैं, तो पहले अपने नेताओं के वीडियो दिखाए,”

UCC पर भी दी सफाई

UCC यानी समान नागरिक संहिता को लेकर भी पूर्व विधायक ने अपना पक्ष रखते हुए कहा:

“मैंने UCC का कोई उल्लंघन नहीं किया है। मैं पार्टी की नीतियों का हमेशा से सम्मान करता आया हूं और करता रहूंगा।” राठौर का दावा है कि उन्होंने न कोई गैरकानूनी काम किया है और न ही कोई संगठन विरोधी बयान दिया है।

सूत्रों के अनुसार, भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने सुरेश राठौर से विस्तृत लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। उनकी प्रतिक्रिया और दस्तावेजों के आधार पर ही यह तय किया जाएगा कि पार्टी स्तर पर आगे क्या कार्रवाई की जाए।

फिलहाल पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे को गंभीरता से देख रहा है, क्योंकि इससे न केवल संगठन की छवि पर असर पड़ रहा है बल्कि UCC जैसे संवेदनशील मुद्दे को लेकर भाजपा की स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस ने एक बार फिर भाजपा को घेरते हुए कहा है कि:

“UCC की आड़ में भाजपा नैतिकता और पारदर्शिता की बात करती है, लेकिन जब उसके अपने नेता सवालों के घेरे में आते हैं तो पार्टी चुप्पी साध लेती है।” कांग्रेस की मांग है कि राठौर पर सख्त कार्रवाई की जाए और अगर उन्होंने शादी की है, तो यह सीधे तौर पर UCC और नैतिकता का घोर उल्लंघन है।

फिलहाल यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों दृष्टियों से गंभीर मोड़ पर है। सुरेश राठौर जहां अपने बचाव में खड़े हैं, वहीं भाजपा की साख और UCC को लेकर उसकी स्थिति भी कसौटी पर है। आने वाले दिनों में इस प्रकरण में पार्टी की प्रतिक्रिया और संभावित कार्रवाई पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।

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