भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रद्धालु,वर्षा में भी डटे रहे श्रोता..

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हल्द्वानी के कठघरिया क्षेत्र में घुनी नंबर एक शिव मंदिर के पास चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन परम पूज्य व्यास देव नीरज चंद त्रिपाठी ने भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के कई प्रसंग सुनाए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के घरों से माखन चोरी के पीछे भी आध्यात्मिक रहस्य है। दूध का सार तत्व माखन है।

उन्होंने गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया। प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है।

कथा व्यास ने बताया कि वास्तविकता में श्रीकृष्ण केवल ग्वाल-बालों के सखा भर नहीं थे, बल्कि उन्हें दीक्षित करने वाले जगद्गुरु भी थे। श्रीकृष्ण ने उनकी आत्मा का जागरण किया और फिर आत्मिक स्तर पर स्थित रहकर सुंदर जीवन जीने का अनूठा पाठ पढ़ाया। देर सांय आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।

इस अवसर पर चंपा बिष्ट, प्रेम बिष्ट, नंदी अधिकारी, अमृता देवी, हेमा रजवार, चंपा खाती, रूपा नैनवाल, माधवी अधिकारी, गोपाल सिंह, राजेंद्र रजवार, हर्षवर्धन पांडे, हेम पंत, हेम सत्यवली, धीरज कनवाल, पंकज पंत, रुपेश जोशी, संगीता, ममता गुणवंत समेत कई लोग मौजूद थे।

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