कुंभ हादसे में उत्तराखंड निवासी महिला की मौत_ राज्य सरकार ने उठाया यह कदम
मौनी अमावस्या स्नान के दौरान प्रयागराज महाकुंभमें मची भगदड़ में उत्तराखंड निवासी एक महिला की मौत हो गई. मृतका की पहचान उधम सिंह नगर जिले के किच्छा निवासी गुड्डी देवी (55) के रूप में हुई है, जो बीजेपी के अनुसूचित मोर्चा किच्छा नगर महामंत्री रिंकू कोहली की माता थीं. घटना के बाद से मृतका के परिवार में शोक की लहर है, वहीं क्षेत्र के लोग भी दुखी हैं।
जानकारी के अनुसार, किच्छा के वार्ड नंबर 3 की निवासी गुड्डी देवी अपने बेटे रिंकू कोहली और बहू के साथ प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर स्नान करने गई थीं. 27 जनवरी को किच्छा से करीब 200 श्रद्धालु बस और ट्रेन से प्रयागराज के लिए रवाना हुए थे. 28 जनवरी की रात जब भारी संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए पहुंचे, तो अचानक भगदड़ मच गई।
इस भगदड़ में गुड्डी देवी अपने बेटे और बहू से बिछड़ गईं. परिवार ने उन्हें काफी देर तक खोजा, लेकिन सफलता नहीं मिली. अगले दिन 29 जनवरी की सुबह उनका शव संगम क्षेत्र में बरामद हुआ. इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. गुड्डी देवी की मौत की खबर जैसे ही किच्छा पहुंची, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. परिजनों को सांत्वना देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उनके घर पहुंचने लगे।
किच्छा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला भी परिजनों से मिलने पहुंचे और इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर श्रद्धांजलि दी. महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर यूपी सरकार ने अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत और 60 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है. हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
गहन जांच की मांग की
प्रयागराज महाकुंभ में इस बार करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान था. मौनी अमावस्या का दिन सबसे खास स्नान पर्व होता है, जिस दिन लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं. बताया जा रहा है कि इस दौरान प्रशासन की व्यवस्थाएं कमजोर पड़ गईं और भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया. इसी दौरान धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई और कई श्रद्धालु इसकी चपेट में आ गए।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि वह यूपी सरकार से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगे और जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश भी दें।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर दूसरे शाही स्नान से ठीक पहले भगदड़ मची थी. इसमें 30 लोगों की जान गई. कई रिपोर्ट्स में मरने वालों की संख्या 40 से ज्यादा भी बतायी जा रही है. इस हादसे के बाद प्रशासन की भीड़ प्रबंधन व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए हैं. इसके साथ ही बुनियादी सुविधाओं के अभाव की भी बातें सामने आ रही हैं।
धामी सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 में भगदड़ की घटना के बाद उत्तराखंड सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रबन्धन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा उत्तराखंड वासियों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किए गए हैं। उत्तराखण्ड के प्रभावित श्रद्धालु हर तरह की सहायता के लिए मोबाइल नंबर – 8218867005, 9058441404, दूरभाष नंबर 0135 2664315 और टोल फ्री नंबर 1070 पर संपर्क कर सकते हैं।
सरकार के सचिव आपदा प्रबंध, विनोद कुमार सुमन ने बताया कि भगदड़ के कारण महाकुम्भ क्षेत्र, प्रयागराज में अगर उत्तराखण्ड राज्य के श्रद्धालु किसी प्रकार से प्रभावित हुए हों। किसी भी प्रकार के मदद और घटना से सम्बन्धित किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए इन हेल्पलाईन नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं।
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