कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को ED ने किया तलब, 21 जुलाई को होगी सवालों की बौछार..

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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय की जांच टीम के सामने पेश होंगी. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रवर्तन निदेशालय ने ED ने नेशनल हेराल्ड मामले केस की जांच में शामिल होने के लिए 21 जुलाई को तलब किया है। बता दें कि इससे पहले सोनिया गांधी ने ईडी के सामने पेशी की तारीख आगे बढ़वाई थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आग्रह को स्वीकार करते हुए ईडी ने कहा था है कि वह ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में जुलाई महीने के आखिरी में किसी समय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होकर अपना बयान दर्ज कराएं।

राहुल गांधी से भी हुई थी 50 घंटे से ज्यादा पूछताछ
बता दें कि इसी मामले में ईडी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पांच दिन में 50 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। इस दौरान धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान दर्ज किए गए। कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और ईडी की कार्रवाई बदले की राजनीति के तहत की जा रही है। उसने यह भी कहा कि पार्टी और उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है। 

सोनिया गांधी ने किया था तारीख आगे बढ़ाने का आग्रह
गौरतलब है कि सोनिया गांधी ने अपनी खराब सेहत के मद्देनजर ईडी से आग्रह किया था कि उनकी पेशी की तारीख कुछ सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दी जाए। ईडी ने उनके इस आग्रह को स्वीकार कर लिया था। कांग्रेस अध्यक्ष को आज यानी 23 जून को पेश होना था। सूत्रों ने बताया था कि संघीय जांच एजेंसी ने सोनिया गांधी से प्रस्तावित पूछताछ को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है और अब उनसे कहा गया है कि वह जुलाई महीने के आखिर में किसी समय पेश होकर अपना बयान दर्ज कराएं। कांग्रेस अध्यक्ष को ईडी ने ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में 23 जून को तलब किया था। उन्हें ईडी ने पहले आठ जून को तलब किया था, लेकिन कोविड संक्रमण के बाद उन्हें 23 जून को बुलाया गया।

जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस मामला

दिल्ली की एक निचली अदालत द्वारा ‘यंग इंडियन’ के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिए जाने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में साल 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने और धन के गबन का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एजेएल पर कांग्रेस का बकाया था।

अधिकारियों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके। ‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं। 

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