उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने खनन सामग्री ले जाते डंपरों को राज्य सरकार से ओवरलोडिंग की मिली अनुमति पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली न्यायालय ने एक जनहित याचिका को सुनते हुए गौला और कोसी नदी से भार वहन श्रमता(ओवरलोडिंग)से अधिक खनिज ले जाते ट्रकों पर आर.टी.ओ.से कार्यवाही करने को कहा है।
जनहित याचिकाकर्ता गगन पराशर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर खनन में लगे वाहनों के ओवरलोडिंग के 30 जनवरी के शासनादेश को गलत बताया। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने आज रोक लगा दी। इसके साथ ही गौला नदी में चल रहे अब ओवरलोडिंग पर रोक लग गयी है।
न्यायालय ने आर.टी.ओ.को आदेश दिया है कि वह मोटर व्हीकल(एम.वी.)एक्ट के प्राविधानों के अनुसार सख्त कार्यवाही करे और ओवरलोड वाहनों पर तत्काल रोक लगाए। बता दें कि स्टोन क्रशर एसोसिएशन के दबाव में जारी हुए ओवरलोडिंग के शासनदेश पर रोक लगने से 108 कुंतल से अधिक वजन लाने पर उत्तराखंड शासन के आदेश पर फिलहाल पानी फिर गया है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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