हल्द्वानी : बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ सामाजिक संगठनों का आक्रोश

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बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही बर्बरता को लेकर हल्द्वानी में आज एक विशाल गर्जना रैली आयोजित हुई जिसमें हजारों की संख्या में क्षेत्रवासियों ने नारेबाजी करते हुए मार्च किया।


हल्द्वानी में राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के आह्वान पर दर्जनों संगठनों के लोग एम.बी.इंटर कॉलेज मैदान में एकत्रित हुए।

मुख्य मंच पर आसीन वक्ताओं ने अपने भाषण में कहा कि हिन्दू प्रताड़ित होते हैं तो हमारी चुप्पी बेकार है। उन्होंने एकता का संदेश देते हुए बांग्लादेश को चेताया, कहा कि “सुन ले यूनुस खोल के कान, जाग उठा है हिंदुस्तान”, “अनेकों में एक है हर हिन्दू विशेष है”, “दो अक्षर का प्यारा नाम जय श्री राम जय श्री राम”, “सुनो हिंदुओं की चीख पुकार आगे बढ़ो भारत सरकार”, वक्ताओं ने हिंदुत्व के इतिहास पर भी जानकारियां दीं।

इसके बाद सभी आंदोलनकारी एम.बी.इंटर कॉलेज मैदान से नैनीताल रोड होते हुए तिकोनिया चौराहे तक गए जहां उन्होंने एस.डी.एम.परितोष वर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में, भारत सरकार से बांग्लादेश सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की मांग, भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के माध्यम से यह सुनिश्चित करे कि बांग्लादेश सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए,
संयुक्तराष्ट्र द्वारा स्वतंत्र जांच आयोग का गठन हो,
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् (UNHRC)और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा एक स्वतंत्र जांच आयोग गठित किया जाए, जो बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और विस्तृत जांच करे।

अपराधियों पर कठोर कार्रवाई हो,
बांग्लादेश सरकार यह सुनिश्चित करे कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव में शामिल कट्टरपंथियों को न्याय के दायरे में लाया जाए और उन्हें कठोर सजा दी जाए।


आयोजन में भा.ज.पा., आर.एस.एस., गौधाम हल्दूचौड़, भगवा रक्षा वाहिनी, हिन्दू जागरण मंच, विश्व हिंदू परिषद, भारत विकास परिषद, बजरंग दल, अखिल ब्राह्मण उत्थान महासभा, प्राचीन श्री शिव सेवा समिति, सारथी फाउंडेशन समिति, देवभूमि व्यापार मंडल, ऊत्तराखण्ड व्यापार मंडल, पूर्व केंद्रीय सशक्त बल महासंघ, खत्री महासभा, गोरखा सेवा समिति, टैक्सी स्वामी समिति, गो ग्रीन गो क्लीन, वरिष्ठ नागरिक जनकल्याण समिति, पाल समाज, पूर्वांचल महासभा, छट सेवा समिति, युवा वैश्य महासभा, वैश्य महिला समिति, वाल्मीकि समाज, भूतपूर्व सैनिक संगठन, महिला व्यापार मंडल, पूर्व सैनिक सेवा परिषद, पूर्व अर्धसैनिक कल्याण समिति, पूर्व सैनिक लीग आदि ने समर्थन दिया।


वक्ताओं ने बांग्लादेश हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर नाराजगी जताते हुए भारत सरकार को मध्यस्थता करने की मांग की है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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