नैनीताल जिले में V.V.I.P. दौरों से अस्त-व्यस्त हुए हालात_देखिये कौन-कौन थे यहां …

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उत्तराखण्ड के नैनीताल समेत संपूर्ण जिले में बड़ी संख्या में वी.वी.आई.पी.के दौरों ने व्यवस्थाओं को अस्त व्यस्त कर दिया है। जिले में 30 से अधिक महानुभावों की समय समय पर मौजूदगी से ड्यूटी में जुटे प्रशासन और पुलिस की तैनाती के अलावा आमजन को सडकों में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।


विशेष जानकारी के अनुसार इस माह एक जून से 24 जून तक 30 से अधिक वी.वी.आई.पी.पहुंचे थे। एक जून को जेड श्रेणी की सुरक्षा के असम कैबिनेट मंत्री जयंत मललाबारु आए थे। एक जून को ही जेड प्लस के जम्मू कश्मीर के पूर्व डी.जी.पी. एस.पी.वेद। चार जून को चंडीगढ़ हाईकोर्ट के न्यायाधीश राकेश मोहन पाण्डे। दस जून को पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती। बीती 12 से 20 जून तक राजस्थान के न्यायाधीश रविन्द्र मोहन। 12 जून को वाई प्लस की सुरक्षा वाले ए.आई.ए.टी.एफ.चेयरमैन एम.एस.बिट्टा।

12 जून को ही गोरखपुर के सांसद(एम.पी.)रवि किशन शुक्ला। 13 जून को पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के सांसद मंनोज तिवारी। 17 जून को राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश मनेंद्र मोहन श्रीवास्तव। 19 जून को हिमांचल के राज्यपाल शिव प्रसाद शुक्ला।

21 से 24 जून तक झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा। 24 जून को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ओगेस्टिन जॉर्ज मसीह नैनीताल जिले में पहुंचे थे। ये सभी वी.वी.आई.पी.रामनगर और नैनीताल दौरे पर आए थे, जिनकी देखरेख में जिला प्रशासन और पुलिस की लंबी चौड़ी टीम को सक्रिय रहना पड़ा।

इन वी.वी.आई.पी.दौरों के दौरान शहर के लोगों को ट्रैफिक कंट्रोल के नाम पर घंटों जाम का सामना करना पड़ता है। जाम में फंसकर पर्यटकों के साथ कई स्थानीय लोगों की ट्रेन और जरूरी काम तक छूटने की जानकारी मिली है।


इन वी.वी.आई.पी.के अलावा 30 मई को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व उनकी पत्नी सुदेश,
ग्रीष्मकालीन अवकाश पर आए राज्यपाल ले.जर्नल(से.नि.)गुरमीत सिंह व उनका परिवार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस लिस्ट में लिया ही नहीं गया है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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