दून के रियल एस्टेट सेक्टर में सनसनी – बिल्डर कपल शाश्वत और साक्षी गर्ग लापता, रेरा ने प्लॉट बिक्री पर रोक लगा दी..

देहरादून/हापुड़/हरिद्वार: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रियल एस्टेट जगत में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। शहर के रायपुर-थानो रोड स्थित इंपीरियल वैली आवासीय परियोजना से जुड़े बिल्डर दंपती शाश्वत गर्ग और साक्षी गर्ग पिछले लगभग 20 दिनों से लापता हैं। दोनों 16 अक्टूबर की रात देहरादून से उत्तर प्रदेश के हापुड़ अपने परिजनों से मिलने पहुंचे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को लौटने के बाद से उनका कोई पता नहीं चल सका।
परिवार की शिकायत पर हापुड़ पुलिस के जरिए मामला देहरादून पुलिस तक पहुंचा, जिसके बाद एसएसपी अजय सिंह ने मामले की गंभीरता देखते हुए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को उनकी तलाश में लगाया है। पुलिस के अनुसार, दोनों के मोबाइल फोन बंद हैं और उनकी अंतिम लोकेशन हरिद्वार में मिली थी।
हरिद्वार में मिली दोनों कारें, CCTV में रिक्शे से जाते दिखे
पुलिस जांच में सामने आया कि लापता दंपती की दो कारें हुंडई क्रेटा (UK07-FK-0018) और हुंडई ट्यूसॉन (UK07-FL-9369) हरिद्वार में खड़ी मिलीं। सीसीटीवी फुटेज में शाश्वत और साक्षी अपनी कारें छोड़कर एक रिक्शे में जाते दिखाई दिए, लेकिन उसके बाद उनका कोई सुराग नहीं मिला। दोनों वाहनों को पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया है।
लौटने का दिया था आश्वासन, फिर गायब
साक्षी के भाई सुलभ गोयल ने बताया कि 16 अक्टूबर को पूरा परिवार शाश्वत, साक्षी, उनका बेटा रिधान और माता-पिता हापुड़ पहुंचे थे। अगले दिन उन्होंने देहरादून लौटने की बात कही थी। भाईदूज के दिन शाश्वत ने परिवार को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजकर जल्द लौटने का भरोसा दिलाया, लेकिन इसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ।
तीन कंपनियों के डायरेक्टर हैं शाश्वत गर्ग
दस्तावेजों के अनुसार, शाश्वत गर्ग तीन कंपनियों के निदेशक हैं
1.रिधान होम्स एलएलपी
2.गोल्डन एरा इंफ्राटेक
3.रिधान बिल्डवेल एलएलपी
इनमें रिधान बिल्डवेल एलएलपी में केवल दो डायरेक्टर हैं शाश्वत और उनकी पत्नी साक्षी। कंपनी का नाम उन्होंने अपने बेटे रिधान के नाम पर रखा है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट उपेंद्र दुबे के अनुसार, इन कंपनियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं मानी जा सकती। एलएलपी फर्म होने के चलते इसमें पार्टनरों की जिम्मेदारी सीमित होती है।
रेरा ने लगाई इंपीरियल वैली में बिक्री पर रोक
इस पूरे घटनाक्रम के बाद रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने रायपुर-थानो रोड स्थित इंपीरियल वैली परियोजना में प्लॉटों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
रेरा के प्रभारी अध्यक्ष अमिताभ मैत्रा ने यह निर्णय कमल गर्ग नामक निवेशक की शिकायत पर लिया। शिकायत में कहा गया कि बिल्डर के लापता होने के बाद पावर ऑफ अटॉर्नी धारक व्यक्ति परियोजना में प्लॉट बेचने का प्रयास कर सकता है।
रेरा अभिलेखों के अनुसार, शाश्वत गर्ग ने असगर टेक्सटाइल नाम की फर्म के तहत विकास ठाकुर और साक्षी गर्ग के साथ मिलकर इंपीरियल वैली प्रोजेक्ट शुरू किया था। परियोजना का रेरा रजिस्ट्रेशन अप्रैल 2025 में कराया गया था, जबकि उसकी पावर ऑफ अटॉर्नी विकास ठाकुर के पास है।
2020 में भी गायब हुआ था बिल्डर दंपती
यह कोई पहला मामला नहीं है जब देहरादून से किसी बिल्डर दंपती के लापता होने से रियल एस्टेट सेक्टर में सनसनी फैली हो। 2020 में पुष्पांजलि इंफ्राटेक के डायरेक्टर दीपक मित्तल और उनकी पत्नी राखी मित्तल भी संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए थे। उन पर 90 खरीदारों से लगभग 45 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और 21 करोड़ रुपये के बैंक लोन डिफॉल्ट के आरोप हैं। पुलिस की जांच जारी है। इसके बावजूद अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है।
फिलहाल रहस्य बरकरार
इंपीरियल वैली प्रोजेक्ट के बिल्डर शाश्वत और साक्षी गर्ग का यह रहस्यमय गायब होना रियल एस्टेट जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस हरिद्वार, देहरादून और हापुड़ में सुराग तलाश रही है, लेकिन अब तक दोनों का कोई पता नहीं चल सका है।


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