खाई में गिरी स्कूटी,19 दिन जंगल खंगाले_दृश्यम स्टाइल साजिश,दो पत्नी वाला बड़ा राज़..

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उत्तराखंड के पहाड़ों में बीते दिनों एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने पुलिस से लेकर आम लोगों तक को चौंका दिया। कहानी ऐसी थी मानो किसी क्राइम थ्रिलर फिल्म का सीन चल रहा हो – खाई में पड़ी स्कूटी, जंगलों में चला 19 दिन का सर्च ऑपरेशन और हर तरफ यही चर्चा कि शायद युवक हादसे का शिकार हो गया।

लेकिन जब परतें खुलीं, तो सामने आया एक ज़िंदा आदमी, दो पत्नियां और मौत का झूठा नाटक।

स्कूटी खाई में, युवक गायब

मामला अल्मोड़ा जिले के रानीखेत क्षेत्र का है। मूल रूप से दक्षिण दिल्ली के समालखा निवासी 33 वर्षीय मनोज कुमार 8 दिसंबर को रानीखेत से नैनीताल के लिए निकला था, लेकिन देर रात तक घर नहीं लौटा।

9 दिसंबर को उसकी पत्नी ने कोतवाली रानीखेत में गुमशुदगी की तहरीर दी। इसी दौरान पन्याली के पास जंगल मार्ग में मनोज की स्कूटी खाई में पड़ी मिली। हालात ऐसे थे कि हादसे या जंगली जानवर के हमले की आशंका जताई जाने लगी।

जंगल छान डाले, कैमरे खंगाले

एसएसपी अल्मोड़ा देवेन्द्र पींचा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चार अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया।
वन विभाग, फायर सर्विस, पीएसी, डॉग स्क्वॉड और फील्ड यूनिट के साथ **रानीखेत से नैनीताल के बीच करीब 100 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए।

जंगलों में दिन-रात सर्च अभियान चलता रहा, लेकिन युवक का कोई सुराग नहीं मिला।

सर्विलांस ने राज़ खोल दिया

इधर पुलिस ने मनोज का मोबाइल सर्विलांस पर रखा। 26 दिसंबर को अचानक मोबाइल की लोकेशन दिल्ली के बिजवासन इलाके में ट्रेस हुई।

इसके बाद पुलिस टीम ने दिल्ली में दबिश देकर मनोज कुमार को सकुशल बरामद कर लिया।
यहीं से पूरी कहानी पलट गई।

दो शादियां, बड़ा झूठ

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मनोज पहले ही एक युवती से प्रेम विवाह कर चुका था, जो दूसरे धर्म की थी और उससे उसका एक बेटा भी है।
परिवार के दबाव में फरवरी 2019 में उसकी शादी एक शिक्षिका युवती से करा दी गई, जिससे उसे दूसरा बेटा हुआ।
दोनों पत्नियों को एक-दूसरे की कोई जानकारी नहीं थी।

बेरोजगारी और दो शादियों के दबाव से घिरा मनोज दूसरी पत्नी से पीछा छुड़ाना चाहता था। इसी के लिए उसने खाई में स्कूटी छोड़कर अपनी मौत का नाटक रच डाला और दिल्ली जाकर छिप गया।

अब कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी

पुलिस की सतर्कता और तकनीकी जांच ने उसकी पूरी साजिश को बेनकाब कर दिया।
बरामदगी के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई करते हुए युवक को परिजनों के सुपुर्द किया गया है। पुलिस अब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

पुलिस टीम की सराहना

इस बेहद पेचीदा मामले को सुलझाने में कोतवाली रानीखेत और एसओजी अल्मोड़ा की टीम ने अहम भूमिका निभाई।
परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली और 19 दिन की कड़ी मेहनत की खुलकर सराहना की।

जिसे लोग मौत समझ रहे थे, वह दरअसल ज़िंदगी से भागने की साजिश थी।
लेकिन कहते हैं न_
झूठ कितनी भी चालाकी से बोला जाए, पुलिस की जांच के सामने आखिरकार बेनकाब हो ही जाता है।

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