उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी शहर का सुन्दरीकरण व सड़क चौड़ीकरण के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ ने मामले को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ताओं से कहा है कि अगर उन्हें लगता है कि उनका इसमे अहित हो रहा है तो सम्बंधित न्यायालय में अपना मुकदमा दर्ज करा सकते है।
आज हुई सुनवाई पर कोर्ट ने जिलाधिकारी कोर्ट में जमा किए जवाब को आधार मानते हुए 67 निजी भूमि धारकों की याचिकाओं को खारिज कर दिया।
कोर्ट में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान डीएम से सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे निजी भूमिधारकों का पक्ष सुनने के निर्देश दिए थे। सभी 67 लोगों का पक्ष सुनने के जिलाधिकारी रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया।
मामले के अनुसार हल्द्वानी की नया सवेरा सोसाइटी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि ये कार्यवाही 29 दिसंबर 2023 से शुरू हुई। जिसके तहत हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने और सड़क चौड़ीकरण का काम ठीक से नहीं किया जा रहा है। इसमें प्रशासन ने महज खानापूर्ति की है, जिसके कारण मंगल पड़ाव और नैनीताल बरेली बस अड्डा अभी भी जैसा का तैसा बना हुआ है।
जिसकी वजह से हर जगह पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है। इससे क्षेत्रीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया कि जिला प्रशासन द्वारा सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रही सरकारी सम्पत्तियों को तो हटा दिया गया। लेकिन निजी भूमि में बने होटलों और दुकानदारों को महज नोटिस जारी कर फॉर्मेलिटी की गई है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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