उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने
रानीखेत के नैनीसार में राज्य सरकार द्वारा जिंदल ग्रुप सोसायटी को भूमि आवंटित करने के खिलाफ जनहित याचिका पर सुवावाई करते हुए सरकार को इस सम्बंध में फिर से नया शपथपत्र देने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ में हुई।
सरकार की तरफ से नियुक्त स्पेशल काउंसिल वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने आज न्यायालय को बताया कि इस स्कूल के बनने से क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके बनने से क्षेत्रवासियों के बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, इसलिए इसे यहाँ बनाए जाने की अनुमति दी जाय।
जबकि याचिकाकर्ता का कहना था कि राज्य सरकार ने नियमों के विरुद्ध जाकर इसे भूमि आबंटित की है।
मामले के अनुसार अल्मोड़ा निवासी बिशन सिंह और पी.सी.तिवाड़ी की ओर से नवंबर 2015 में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी।
याचिका में कहा गया था कि रानीखेत तहसील के ग्राम नैनीसार में राज्य सरकार ने 22 सितंबर 2015 को हिमांशु एजुकेशन सोसायटी को 353 नाली भूमि बिना मानकों के आवंटित कर दी। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने विधि विरुद्ध अपने चहेतों को यह भूमि आवंटित कर दी, जिसे निरस्त किया जाय।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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