उत्तराखंड में आफत की बारिश, भूस्खलन-बाढ़ का खतरा,जनजीवन प्रभावित..

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उत्तराखंड के कई जिलों में आज भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में गरज के साथ आकाशीय बिजली चमकने और बारिश के अत्यंत तीव्र दौर होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन और निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति को लेकर चेतावनी जारी की है। उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मानसून की बारिश, आसमानी आफत बन गई है।

भारी बारिश के चलते स्कूलों में छुट्टी
भारी बारिश के मद्देनजर प्रदेश के 9 जनपदों में सोमवार को स्कूल बंद रहेंगे। इनमें देहरादून, बागेश्वर, हरिद्वार, नैनीताल, टिहरी, पिथौरागढ़, उधमसिंहनगर, अल्मोड़ा, चंपावत और पौड़ी जनपद में छुट्टी के आदेश जारी किए गए हैं। कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में अवकाश रहेगा।


तीन दिनों के लिए रेड अलर्ट
उत्तराखंड में मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

रविवार को भी प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में दिनभर बारिश होती रही। वहीं मौसम विभाग में अब भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। रविवार को देहरादून सहित आसपास के क्षेत्रों में दोपहर के बाद बारिश का दौर शुरू हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा।

वहीं जनपद नैनीताल की बात करें तो देर रात भर चली बारिश के बाद अभी भी बारिश का दौर जारी है। प्रशासन ने लोगों से बेहद सतर्क रहने की अपील की है।

देहरादून में लगातार बारिश के कारण शहर की सड़कें जलमग्न हो गईं। मुख्य सड़कों के साथ ही गलियों में भी जल भराव हो गया। जिससे लोगों को मुश्किलें उठानी पड़ीं। बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है तो वहीं नदी नाले उफान पर आने से आसपास के क्षेत्रों में भी खतरा बढ़ गया है।

लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कें तालाब बन रही हैं। कई क्षेत्रों में लोगों के घरों में पानी घुस गया। जल भराव के कारण सड़कों से गुजरना भी मुश्किल हो गया था। सड़कों पर बने गड्ढे बारिश के कारण और खतरनाक हो गए हैं।


उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी में बारिश ने एक बार फिर लोगों को दहशत में डाल दिया है। बारिश के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। स्यानाचट्टी के कुपड़ागाड से आया भारी मलबा नदी के प्रवाह को अवरुद्ध कर रहा है। सिंचाई विभाग की तीन मशीन लगातार मलबा हटाने में जुटी हुई है लेकिन हालात फिर जस के तस बन रहे हैं।
दिन भर मलबा हटाने के बाद बारिश के कारण अगले दिन फिर नदी में मलबा जमा हो जा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला पुल भी खतरे की जद में आ गया है। सिल्ट आने के कारण नदी का तल काफी ऊपर उठ गया है और नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। आसपास बने होटलों, घरों की निचली मंजिलें पूरी तरह से जलमग्न हो गई है।

उधर गोपेश्वर में अतिवृष्टि से ज्योर्तिमठ से 35 किलोमीटर दूर तमक नाले में बाढ़ की स्थिति बन गई, जिसके चलते नाले पर बना पुल बह गया है। अब यहां पर ह्यूम पाइप डालकर फिलहाल नाले में पैदल और वाहनों की आवाजाही आई करवाने का काम किया जा रहा है। यहां पर दो सप्ताह में बैली ब्रिज को जोड़कर हाईवे पर अस्थाई आवाजाही के लिए प्रयास किया जा रहे हैं।

तमक नाले का पुल टूटने से नीति, मलारी, बंपा, कैलाशपुर, कोषा सहित 12 से अधिक गांव की आवाजाही प्रभावित हुई है। शनिवार को भी रात भर हुई बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी है।


आज देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार में कहीं-कहीं अत्यंत भारी बारिश होने के साथ ही कहीं पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है जिसको लेकर मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में कहीं कहीं भारी से भरी बारिश और आकाशीय बिजली चमकने के साथ बारिश के अत्यंत तीव्र दौर होने का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। मंगलवार को भी प्रदेश की ज्यादातर क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट रहेगा।

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