महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। चुनाव से ठीक एक दिन पहले, 19 नवंबर 2024 को, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर बहुजन विकास अघाड़ी (VBA) के विधायक क्षितिज ठाकुर ने 5 करोड़ रुपये बांटने का गंभीर आरोप लगाया। इस आरोप के बाद पुलिस ने होटल में छापा मारा और 9.93 लाख रुपये नकद सहित कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए। चुनाव आयोग ने तावड़े के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है, जबकि तावड़े ने इन आरोपों को नकारते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
यह घटनाक्रम उस समय हुआ, जब बीजेपी और महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच राजनीतिक घमासान अपने चरम पर था। विधायक क्षितिज ठाकुर ने दावा किया कि तावड़े विरार में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए 5 करोड़ रुपये लेकर आए थे। ठाकुर का आरोप था कि तावड़े ने जिस होटल में बैठक की, वहां की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग जानबूझकर बंद कर दी गई थी, और बाद में रिकॉर्डिंग चालू की गई।
वीडियो भी वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें तावड़े और VBA नेताओं के बीच बहस हो रही है। ठाकुर ने चुनाव आयोग से तावड़े और बीजेपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनाव आयोग को धोखा देने की कोशिश की और नालासोपारा में भारी मात्रा में पैसा बांटने की साजिश की।
राजनीतिक साजिश या सच?
‘बीजेपी की पोल खुली’
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी की पोल खुल गई है। ठाकुर ने वही किया है जो चुनाव आयोग को करना चाहिए था। चुनाव आयोग के अधिकारी हमारे बैग की तलाशी लेते हैं और हमारी जांच करते हैं, फिर भी बीजेपी के इन व्यक्तियों की ऐसी कोई जांच नहीं होती है।
राउत ने आगे कहा कि बीजेपी चाहे जितना भी छिपाने की कोशिश करे। नालासोपारा-विरार में जो हुआ वह कैमरे के सामने हुआ। उन्होंने तावड़े के पास भारी मात्रा में नकदी होने की बात का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि उनके पास 18 लोगों के नाम हैं जो पुलिस सुरक्षा के साथ पैसे बांटते हैं।
विनोद तावड़े को पीएचडी मिलनी चाहिए’
उन्होंने तावड़े के पकड़े जाने के निहितार्थों पर चिंता व्यक्त करते हुए दावा किया कि राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित बीजेपी के प्रमुख नेता उनकी गतिविधियों से अवगत थे। राउत ने कहा कि अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष होता तो उसके अधिकारी छापेमारी करते। वीबीए नेता हितेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि तावड़े ने पालघर जिले में मतदाताओं को पैसे बांटे।
शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकुर ने कहा कि विनोद तावड़े को पीएचडी मिलनी चाहिए। उनकी (व्यंग्यात्मक रूप से) प्रशंसा की जा रही है कि उन्होंने कुछ राज्यों में सरकारें गिराईं और कुछ राज्यों में बीजेपी की सरकारें बनाईं। असली वजह क्या है? यह बीजेपी का नोट जिहाद है। यह पैसा बांटकर जीतने जैसा है। अब हमें देखना होगा कि चुनाव आयोग क्या करता है? मामला दर्ज करके इसे खत्म नहीं किया जाना चाहिए, कार्रवाई होनी चाहिए।
चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग
ठाकरे ने तावड़े के खिलाफ भारत के चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि सबूतों के आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए। वरना महाराष्ट्र खुद कार्रवाई करेगा। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि एक वीडियो में भगवा रंग की पोशाक पहने हुए व्यक्ति बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े हैं। इनके पास से बड़ी मात्रा में पैसा बरामद होने की खबर है। वह विरार पूर्व इलाके में 5 करोड़ रुपये नकद से भरे एक काले बैग और 15 करोड़ रुपये के विवरण वाली एक डायरी के साथ पकड़े गए थे। यह गंभीर सवाल उठाता है, खासकर चुनाव से पहले।
अब देखना यह है कि चुनाव आयोग इस गंभीर मामले में _क्या कदम उठाता है और क्या कोई ठोस कार्रवाई होती है ….?
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