CM धामी की PM मोदी से मुलाक़ात, इन योजनाओं की मंजूरी के लिये गुज़ारिश..
नई दिल्ली : उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। उत्तराखण्ड के विकास में प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य में संचालित विकास कार्यों के बारे में अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए जी.एस.टी. प्रतिकर अवधि को बढ़ाए जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने उत्तराखण्ड में नवीनतम तकनीक व वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने के लिये भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान
(आई.आई.एस.ई.आर.) की स्थापना और फार्मास्यूटिकल उद्योग के विकास के लिये नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च (एन.आई.पी.ई.आर.) की स्थापना का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, योग व आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रसिद्ध है। यहां अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना से आयुष पद्धति को बढ़ावा मिलेगा और यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलिंगकांग के मध्य 05 किमी टनल और वेदांग से गो व सिपु तक 20 किमी सड़क मार्ग का निर्माण किये जाने तवाघाट से बेदांग तक का मार्ग कनेक्ट हो जाएगा। यह जौलींगकांग एवं बेदांग की दूरी 161 किमी कम कर देगा। इसी प्रकार सिपु से तोला के मध्य लगभग 22 किमी लम्बाई की टनल के निर्माण से दारमा वैली और जोहर वैली एक दूसरे से जुड़ जाएंगी। मिलम से लप्थल तक 30 किमी टनल के निर्माण से जनपद पिथौरागढ़ की जोहार घाटभ् व जनपद चमोली का लप्थल सड़क मार्ग से जोड़ा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने उक्त तीनों टनलों के निर्माण को स्वीकृति दिये जाने का भी अनुरोध किया।
मूख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गृह मंत्री अमित शाह से भी हुई मुलाकात.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पार्लियामेंट हाउस, नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों में हिम प्रहरी योजना लागू किये जाने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, चम्पावत और ऊधमसिंहनगर के खटीमा) के ग्रामों से हो रहे पलायन को रोकने, दैवीय आपदा में राहत व बचाव कार्यों के लिये पुलिस, आईटीबीपी व एसएसबी के सहयोग से सीमा रक्षक दल/ हिम प्रहरी दलों का गठन किया जाना प्रस्तावित है।
उक्त दल में सम्मिलित व्यक्तियों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में मानदेय प्रस्तावित है। इस पर लगभग 5 करोड़ 45 लाख रूपए का व्यय भार अनुमानित है। इसमें केंद्र का सहयोग निवेदित है। मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिये राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रति वर्ष 20 से 25 करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत किये जाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध से पीड़ित महिलाओं के राहत व पुनर्वास के लिये निर्भया फंड बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार द्वारा निर्भया फंड के लिये केंद्र से 25 करोड़ रूपए का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने उक्त प्रस्ताव को जल्द स्वीकृत किये जाने का भी अनुरोध किया।
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