उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दिल्ली की एक कोर्ट में फर्जी दस्तावेज लगाकर फायदा उठाने के मामले में अपनी ही रैजिस्टरी कार्यालय के खिलाफ सी.बी.आई.जांच के आदेश दे दिए हैं। न्यायलय ने अपने पूर्व के आदेश में लिखा था कि 24 अगस्त 2020 की रजिस्ट्रार जर्नल की जांच में पाया गया था कि उच्च न्यायालय से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ था। एकलपीठ ने आज लंबे समय से सुरक्षित रखे आदेश को खुली कोर्ट में सुनाया।
उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष याचिकाकर्ता ने एक आवेदन दायर किया था। जिसमें कि मुख्य न्यायाधीश महोदय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मल्लीताल कोतवाली में एफ.आई.आर.दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसी के संबंध में अप्रैल 2022 में न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने एक आदेश पारित किया था। इसमें कहा गया कि दिल्ली की कंपनी लॉ बोर्ड के समक्ष उच्च न्यायालय के ये आदेश जाली, मनगढ़ंत और निर्मित थे जो वास्तव में उच्च न्यायालय से किये ही नहीं गए थे। न्यायालय ने 12 अगस्त 2020 को रजिस्ट्रार जनरल को एक निर्देश दिया की वो इस मामले की इन-हाउस जांच करें और अपनी रिपोर्ट जमा करें। रजिस्ट्रार जनरल ने 24 अगस्त को रिपोर्ट सौंपते हुए लिखा कि कंपनी लॉ बोर्ड की बेंच के आगे उच्च न्यायालय के जिन दस्तावेजों को रखा गया है वो फर्जी प्रतीत होते हैं और वो न्यायालय के किसी भी रिकॉर्ड में मौजूद नहीं हैं। आदेश में कहा गया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो(सी.बी.आई.)से कराई जाए।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]