उत्तराखंड के नैनीताल में आज जोशों खरोश के साथ माँ नन्दा सुनंदा को उनके ससुराल के लिए विदा किया गया। भक्तों की भीड़ को संतुलित करने में पुलिस और जिला प्रशासन के पसीने छूट गए।
नैनीताल के प्रतिष्ठित माँ नन्दा सुनंदा मेले में आज अंतिम दिन माँ का डोला नगर भ्रमण के लिए निकला। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं के बीच आयुक्त दीपक रावत, डी.आई.जी.नीलेश आनंद भरणे, जिलाधिकारी धिराज गर्भयाल और एस.एस.पी.पंकज भट्ट के साथ एस.डी.एम., एस.पी., सी.ओ.और तहसीलदार मौजूद रहे। माँ का डोला निकलने के समय देश दुनिया के साथ आसपास के दुर्गम क्षेत्रों से लोग दर्शनों के लिए नैनीताल पहुंचते हैं। दोपहर 12 बजे नयना देवी मंदिर परिसर से निकले माँ के डोले के साथ पारंपरिक छोलिया, ब्रास बैंड, डी.जे., महिला दल, युवाओं की टोलियां, प्रसाद वितरण और हिंदूवादी ध्वज रहता है। युवाओं के कंधों पर लदकर माँ का डोला मंदिर प्रांगण से निकलकर लोवर मॉल रोड से होते हुए तल्लीताल डाँठ पहुंचता है। इसके बाद तल्लीताल बाजार, हलद्वानी रोड और भवाली रोड में कैंट तक जाने के बाद डोला वापस अपर मॉल रोड होते हुए मल्लीताल पहुंचता है।
यहां डोले को नैनीताल क्लब चौराहे, बड़ा बाजार, जय लाल साह बाजार, तल्ली बाजार होते हुए गाड़ी पड़ाव पहुंचता है। अंत में डोला नयना देवी मंदिर के आगे से गुजरकर ठंडी सड़क में पाषाण देवी और शनि देव मंदिर के बीच झील में विसर्जित हो जाता है। दो वर्ष बाद हुए इस महात्सव को लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त जोश देखने को मिल रहा है।
डोले में शामिल होने पहुंचे आयुक्त दीपक रावत ने कहा की महात्सव में भाग लेकर बहुत अच्छा लगता है और सभी ने इसमें भाग लेना चाहिए। माँ सभी को आशीर्वाद दें।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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