उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मानव वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने संबंधी जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए पूर्व में दिए गए आदेशों का पालन न करने पर प्रमुख सचिव वन आर.के.सुधांशु को 14 जून को न्यायालय में तलब कर लिया है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने आदेश का पालन नहीं करने पर नाराजगी जताई है।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी अनु पंत की जनहित याचिका दायर कर कहा कि नवंबर 2022 में इस मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव वन को कुछ दिशानिर्देश दिये थे। इसमें मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने को कहा गया था।
इस मामले में तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल के शपथपत्र में केवल कागजी कार्यवाही का उल्लेख था और धरातल पर मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने का कुछ उल्लेख नहीं था ।
आज पुनः इस मामले की सुनवाई में सरकार ने न्यायालय को बताया कि पूर्व के इस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ है, इसलिए उन्हें कुछ और समय दिया जाय। जनहीत याचिका दायर करने के बाद अभीतक प्रदेश में लगभग 17 लोग वन्यजीवों का शिकार हो चुके है। इसमें पिछले महीने रानीखेत की घटना भी प्रमुख है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]