पूर्व कैबिनेट मंत्री के चहेतों पर शिकंजा.. दो अफसरों के जबरन रिटायरमेन्ट ?
उत्तराखंड : विभागीय नियमों के उल्लंघन-भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के घेरे में आए दो आईएफएस अफसरों को सरकार जबरन रिटायर करेगी। वन मंत्री के अनुमोदन के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति की फाइल मुख्यमंत्री तक पहुंच गई है।सूत्रों के अनुसार ये अधिकारी पूर्व वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत के काफी करीबी माने जाते हैं।
हरक सिंह को भाजपा से हटाए जाने के बाद से ही सरकार ने इनके खिलाफ कार्रवाई की रूपरेखा तैयार कर ली थी। इन अधिकारियों पर अवैध कटान, अवैध निर्माण, भ्रष्टाचार और विभागीय नियमों के साथ-साथ वन अधिनियम, वाइल्ड लाइफ ऐक्ट आदि के उल्लंघन के भी आरोप हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रारंभिक जांच में आरोप काफी हद तक सही पाए गए हैं। जिसके बाद इनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे भी दर्ज करने की तैयारी है।
वीआरएस की अर्जी भी खारिज:वन मंत्री सुबोध उनियाल ने दोनों को जबरन रिटायर करने को मंजूरी देकर फाइल मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के पास पहुंचा दी है। इनमें से एक ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे सरकार ने खारिज करते हुए जबरन रिटायरमेंट देने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि इस पर जल्द कार्रवाई होगी।
जल्द ही भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। भ्रष्टाचारियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
सुबोध उनियाल,वन मंत्री
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