महंगाई की पड़ रही लगातार मार..बोल रही जनता पुराने दिन लौटा दे सरकार. क्या यह बढ़ती महंगाई है अच्छे दिनों की बौछार..महंगाई पर क्यों चुप है सरकार..

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काशीपुर ऊधम सिंह नगर 21.FEB.2021 GKM NEWS 2014 में जब कांग्रेस की सरकार थी तो स्मिति ईरानी, से लाकर हेमा मालिनी और भी कई भाजपा नेताओ ने प्रदर्शन किया था..कभी सड़क पर तो कभी संसद भवन के बाहर. इनता ही नहीं बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन,अक्षय कुमार और अनुपम खैर ने भी 2014 में महंगाई का रोना रोया था.लेकिन अब सारे खामोश हैं जैसे कुछ हुआ ही नही, यह एक बड़ा सवाल है.जबकि सरकार भी चुप्पी साधी बैठी..जनता और अन्य मुद्दों से अलग किया जाता है और मूलभूत मुद्दे सरकार की प्राथमिकता से गायब हो गए है..

मूलभूत मुद्दे सरकार की प्राथमिकता से गायब हो गए है, और विपक्ष भी इन मुद्दों पर अपनी आवाज उठाने में नाकाम साबित हो रहा है, लिहाज आम जनमानस सिर्फ बेबस नजर आ रहा है, क्योंकि मंहगाई, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दे अब मंचों से भी नही सुनाई देते, आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे ही मुद्दों की जिनको मंचो पर तो भुनाया गया लेकिन जनता के हाथ आखिर क्या लगा। पेश है एक रिपोर्ट।

कांग्रेस की सरकार के समय महंगाई ने तीव्र गति क्या पकड़ी थी तो भारतीय जनता पार्टी मानव अलादीन का चिराग हाथ लग गया वहीं भारतीय जनता पार्टी ने रोड पर उतर कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और कांग्रेस पार्टी पर निशाने साधने शुरू कर दिए थे वहीं 2014 में भारतीय जनता पार्टी का अहम मुद्दा महंगाई को लेकर था जिसके चलते भारत की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत दिया जिसके बाद महंगाई पर रोक लगाने पर भारतीय जनता पार्टी पूर्ण रूप से असफल रही। वहीं महंगाई पर भारतीय जनता पार्टी को घेरने के लिए विपक्ष भी अपने आप को कमजोर महसूस कर रहा है।

और महंगाई आम जनता का खून पीती हुई नजर आ रही है। जो कभी घरेलू खर्चे के लिए 200 से ₹300 प्रतिदिन रुपए चाहिए होते थे वह अब महंगाई के चलते हजार से दो हजार तक पहुंच गए हैं वही गरीब जनता का भी इस महंगाई में हाल बेहाल हो चुका है। घर में यूज होने वाली घरेलू गैस प्याज आलू सब्जियां आटा चावल डाले सब के दामों ने आसमान छू रखा है तो वहीं रोज प्रयोग में आने वाला पेट्रोल के दाम किसी ऊंचाइयों से कम नहीं।

सखी सैया तो खूब ही कमात है, महगाई डायन खाये जात है, ये गीत कभी महंगाई की मार झेल रही आम जनता के जहन में खूब गूंजता था, लेकिन अब ये गीत भी उन मुद्दों की तरह गायब हो गए। महगाई की अगर बात करे तो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जो महगाई डायन की तरह सता रही थी वो अब भाजपा के कार्यकाल में क्या कही जाएगी, जब हर वस्तु पहले के मुकाबले तीन गुना बढ़ गयी है, पेटोल के दामों की अगर बात करें तो 65 रुपये लिटर से 90 रुपये हो गए हैं, जनता की थाली से प्याज गायब हो गया,

क्योंकि प्याज जनता जी आंखों से जमकर आंसू बहा रहा है, यही नही स्वस्त्य सेवाएं बदहाल हैं, डॉक्टरों का अभाव है तो निजी स्वस्त्य सेवाएं आम जनता की ओआहुच से बाहर हैं, विकास के नाम पर महज जनता छली जा रही है, ऐसे में कभी सड़कों पर उत्तर कर महगाई पर आंसू बहाने वाली भाजपा आज मुद्दों पर चर्चा करने को भी तैयार नही है वही कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभाने में भी फैल साबित हो रही है।

मंगाई पर घड़ियाली आंसू बहाने वाली भाजपा ने जनता को सड़कों पर खूब ड्रामा दिखाया और कांग्रेस राज में मॅहगाई को मुद्दा बनाकर सत्ता हासिल भी की, लेकिन अब महगाई की डायन जहा ओर भी विकराल रूप ले रही है, ऐसे में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष का कहना है कि विपक्ष लोगों को गुमराह करने का काम कर रहा है वास्तव में महंगाई है ही नहीं।

महंगाई चरम पर है। लोगों को जीवन यापन करना दूबर हो गया, विपक्ष से अपनी भूमिका निभाने में फेल है। कांग्रेस के समय में जो महंगाई डायन हुआ करती थी वह महंगाई सत्ताधारियो की नजरों में है। नही ऐसे में सवाल उठना भी लाजमी है कि जनता जाए तो जाए कहां, किससे महंगाई पर लगाम लगाने की उम्मीद करें ।

बाइट :- सती रावत……. पब्लिक

बाइट :- मोहम्मद गफूर……पब्लिक

बाइट :- अख्तर हुसैन…….दुकानदार

बाइट :- पंप मैनेजर

बाइट :- अलका पाल ……….. प्रदेश सचिव,कांग्रेस

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