बड़ी खबर : उत्तराखंड में बढ़ती मृत्यु दर बनी चिंता का विषय..पंजाब के बाद दूसरे नंबर पर आया प्रदेश.. जल्द स्थिति सुधारने की है ज़रूरत..

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देहरादून : भले ही कोरोना वायरस में कमी देखने कों मिली हों या फिर ठीक मरीज़ों की तादाद में लगातार बढ़ोतरी हों रही हों लेकिन प्रदेश में बढ़ती मृत्यु दर चिंता का बड़ा विषय बनी हुई है.

मृत्यु दर के मामले में उत्तराखंड पंजाब के बाद देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। देश की तुलना में भी राज्य की मृत्यु दर ज्यादा है। राज्य में कोरोना मरीजों की मृत्यु दर 1.89 प्रतिशत है जो पंजाब की मृत्यु दर 2.5 प्रतिशत के बाद देश के 36 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वाधिक है। इसके अलावा देश में कोरोना मृत्यु दर 1.15 प्रतिशत चल रही है। जबकि राज्य की मृत्यु दर इससे कई अधिक है।


राज्य में कोरोना संक्रमण के बाद अभी तक कुल 6113 मरीजों की मौत हो चुकी है और नई मौतों के साथ हर दिन बड़ी संख्या में पहले हो चुकी मौतें भी सामने आ रही हैं। राज्य में कोरोना की पहली लहर के दौरान मौत का प्रतिशत काफी कम था। लेकिन दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हो रही है।

एसडीसी फांउडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है कि सरकार को कोरोना से हो रही मौत को कम करने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए। हालांकि सरकार का कहना है कि कोरोना से हो रही मौत के आंकड़ों में भी कमी आ रही है।कोरोना से 53 की मौत, नहीं घट रहा बैकलॉग


राज्य में बुधवार को कोरोना संक्रमित 53 मरीजों की मौत हुई। जबकि विभिन्न अस्पतालों की ओर से दूसरी लहर के दौरान पिछले दिनों हो चुकी 40 मरीजों की मौत का आंकड़ा भी स्टेट कंट्रोल रूम को भेजा। नई मौतों के हिसाब से देखें तो राज्य में मौत की संख्या में पिछले कुछ दिनों के मुकाबले कमी आई है। लेकिन पुरानी मौत के लगातार आ रहे आंकड़ों की वजह से मौत के वास्तवित आंकड़े कम नहीं हो पा रहे हैं।

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