नैनीताल – यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका(यू.एस.ए.)की संसद में तिब्बत को आज़ाद राष्ट्र का दर्जा देने के लिए ‘रिजॉल्व तिब्बत एक्ट’ बिल बनने के बाद नैनीताल में तिब्बती समाज ने जश्न मनाया। बिल में चीनी सदस्य, तिब्बती धर्मगुरु और हिंदुस्तान में चयनित तिब्बती सदस्यों की समिति बनाकर मामले का समाधान निकालने को कहा गया है।
बीती जून माह में अमेरिकन कांग्रेस सेनेट ने तिब्बत मसले पर एक बिल पास करने की अनुमाती मांगी, जिसपर 12 जुलाई को अमेरिका के राष्ट्रपरि जो बाइडन ने हस्ताक्षर कर ‘रिजॉल्व तिब्बत एक्ट’ नामक बिल बना दिया। ये बिल, अमेरिका की तिब्बत नीति को मजबूत करते हुए पास किया गया।
बिल के अनुसार चीन के सदस्यों के साथ तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और भारत में संवैधानिक रूप से चयनित तिब्बती अध्यक्ष और मंत्रियों को साथ लेकर तिब्बत के मसले को बगैर शर्त के जल्द से जल्द वार्ता कर हल निकालने को कहा गया है। कहा गया कि मसले को शांतिपूर्वक रूप से हल करें तांकि दोनों को इसका फायदा हो।
चीन के दावों के खिलाफ ऐतिहासिक दस्तावेज कहते हैं कि तिब्बत चीन का कभी भी हिस्सा नहीं रहा है, जबकि चीन उसे अपना कहता है। एक्ट में कहा गया है कि तिब्बत-चीन विवाद के समाधान को बढ़ावा देने के लिए कानून पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ये वर्ष 2002 के तिब्बती नीति अधिनियम और संशोधनों के माध्यम से अमेरिका की तिब्बत नीति को मजबूत करता है और इसका उद्देश्य समाधान की सुविधा प्रदान करना है। बिल में विशेष बात ये है कि पूरी संधि बिना किसी शर्त के की जानी है।
बिल पास होने की खुशी में तिब्बती समाज के लोगों ने मल्लीताल के चाट पार्क में स्थानीय और पर्यटकों को मिष्ठान वितरित किया।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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