नैनीताल : शेरवुड कॉलेज के प्रिंसपल की सज़ा और पेैनल्टी पर रोक, छात्र की मौत का मामला…

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उत्तराखंड में नैनीताल के प्रतिष्ठित शेरवुड कालेज के प्रिंसिपल और दो अन्य को लापरवाही की सजा के मामले में आज सैशन कोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है । उन्हें गुरुवार को एक मामले में लापरवाही बरतने के कारण दो वर्षों की सजा सुनाई गई थी ।


नैनीताल के जिला एवं सत्र न्यायालय में आज शेरवुड के प्रिंसिपल अमनदीप संधू, रवी कुमार और सिस्टर ने न्यायालय में सी.जे.एम.के आदेश को चुनौती दी । न्यायालय ने लापरवाही बरतने के मामले में सुनाई गई दो वर्षों की सजा को स्थगित करते हुए अंतरिम राहत दी है । न्यायालय ने इसके अलावा आरोपियों पर लगाई गई 50,000 रुपयों की पेनल्टी पर भी रोक लगा दी है ।


शिकायत पत्र में कहा गया था कि वर्ष 2014 में कालेज के छात्र शान प्रजापति की तबियत खराब होने के बाद उसे स्कूल की इंफर्मरी में रखा गया था, जहां उनकी हालत बिगड़ने तक किसी डॉक्टर को नहीं बुलाया गया । इसके तीन दिनों के बाद कालेज प्रबंधन के बुलाए डॉक्टर ने शान को हल्द्वानी ले जाने के लिए कहा । शान को तत्काल हल्द्वानी ले जाया गया और बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया । आरोप लगाया गया कि इस दौरान शान के परिजनों को कोई सूचना नहीं दी गई । शान की हल्द्वानी के बॉम्बे अस्पताल में बहुत ज्यादा तबियत बिगड़ने के बाद उसे हैलीकॉप्टर से दिल्ली के अस्पताप ले जाया गया जहां इलाज शुरू करते ही शान ने दम तोड़ दिया । शान की माँ ने थाना तल्लीताल में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए एफ.आई.आर.दर्ज कराई थी ।

जांच के बाद न्यायालय के लंबे क्रम के बाद सी.जे.एम.न्यायालय ने तीन लोगों को लापरवाही बरतने के आरोप में दो वर्षों की सजा और पचास हजार का अर्थदंड लगाया था । आज प्रिंसिपल समेत दो अन्यों ने जिला एवं सत्र न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें अंतरिम राहत मिलते हुए न केवल सजा स्थगित हुई बल्कि 50,000 रुपये की पेनल्टी पर भी रोक लग गई ।

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