उत्तराखण्ड के नैनीताल स्थित वीरभट्टी में एक अवैध मदरसे में कक्षा 5 तक के बच्चों के साथ अश्लीलता, मारपीट और नाइंसाफी की शिकायत पर जिला प्रशासन और पुलिस टीम ने छापा मार बच्चों को रिहा कराया।
नैनीताल में ज्यूलिकोट के समीप वीरभट्टी पुल के समीप एक अंजुमन इकरा नाम से वर्ष 2010 में मदरसा खोला गया था, जिसमें कक्षा 5 तक के मुस्लिम बच्चों को तालीम दी जाती थी। अचानक, एक परिजन ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बड़ी शिकायत की जिससे आज जिला प्रशासन की टीम पुलिस के साथ मदरसे में पहुंची।
मदरसे के निरीक्षण में लगभग सभी आरोप सही पाए गए। यहां बच्चों ने टीम को लीड कर रही सिटी मैजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को बताया कि उनके साथ अश्लील हरकतें की जाती हैं, उन्हें खाना नहीं देते हैं, पिटाई करते हैं, अश्लील फिलमें दिखाते हैं, किसी भी तरह की बीमारी जैसे दाने, फुंसी, घाव और टी.बी.होने के बावजूद उनका कोई इलाज नहीं कराया जाता।
टीम को चैकिंग के दौरान पीने के पानी की टंकि में केंचुवे मिले, बच्चों का कमरा और बिस्तर गंदे पाए गए, किचन और शौचालय की स्थिती भी खराब पाई गई। ट्रस्ट की प्रॉपर्टी में चल रहे मदरसे का मदरसा बोर्ड में पंजीकरण नहीं पाया गया। पुलिस ने सी.सी.टी.वी.कैमरे का डी.वी.आर.सील कर दिया। जहां बच्चों ने अपने साथ हो रही नाइंसाफी की दासता बयां की तो शिकायतकर्ता मो.अफजल ने अपनी दर्द बात अपना दिल हल्का किया।
सिटी मैजिस्ट्रेट ने भी बच्चों को न्याय देने की बात कही।
बच्चों को उनके परिजनों अथवा सही ठिकाने में पहुंचाने के लिए प्रशासन संबंधित विभागों से परामर्श कर रहा है। ऊत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के 24 बच्चों में माता पिता के अलावा कुछ अनाथ तो कुछ नानी नाना के साथ रहने वाले भी हैं, जिसका नियम अलग अलग है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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