मेरा नाम सावरकर नहीं,मै गांधी हूं और गांधी माफी नहीं मांगता – राहुल

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सूरत की एक अदालत ने मोदी सरनेम को लेकर मानहानि के मामले में कोर्ट द्वारा 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है ।

लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहली बार मीडिया के सामने आए. शनिवार को दिल्ली में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने एक बार फिर अदानी समूह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों को लेकर तीखे सवाल किए.
संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और कारोबारी अदानी के बीच के संबंधों को लेकर बार-बार आरोप लगाए. अदानी समूह की कंपनियों को मिले पैसों पर भी उन्होंने सवाल किए.
राहुल गांधी ने कहा, ” मेरी सदस्यता रद्द की गई क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले (संभावित) भाषण से डरे हुए थे. वो उस अगली स्पीच से डरे हुए थे जो अदानी पर होने वाली थी. मैंने ये उनकी आंखों में देखा. वो ये नहीं चाहते थे कि ये भाषण संसद में हो.”

राहुल गांधी ने कहा, ” इसीलिए पहले (संसद की कार्यवाही में) बाधा डाली गई. अब सदस्यता रद्द की गई है. कृपया इसे लेकर भ्रमित मत होइए. नरेंद्र मोदी और अदानी के बीच गहरा रिश्ता है.”
अपने बयान को लेकर कोर्ट में माफी मांगने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, “मैं सावरकर नहीं हूं, मैं गांधी हूं और गांधी माफी नहीं मांगता.”
संवाददाता सम्मेलन में वो कुछ सवालों को लेकर उखड़े भी. उन्होंने एक पत्रकार को नाम लेकर टोका और कहा, “मुझे पहले अपनी बात करने दें.”
वहीं एक और पत्रकार को उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी का समर्थन करते हैं तो बीजेपी का तमगा लगा कर आएं और खुद को पत्रकार न कहें.
इसके जवाब में बीजेपी ने भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस की और आरोप लगाया कि ‘राहुल गांधी लगातार झूठ बोलते रहे हैं.’

वहीं बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘झूठ बोलना राहुल गांधी की फ़ितरत है. उन्होंने हमेशा विदेश में भारत का अपमान किया है.’
संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने कोर्ट के फ़ैसले के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार किया और कहा कि मामला कोर्ट का है और इस बारे में ‘मैं यहां कोई बात नहीं करूंगा.’

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और अदानी के रिश्तों को ‘क्लोज़ पार्टनरशिप’ का नाम दिया और कहा कि गुजरात में मोदी के उभार के साथ अदानी का भी उभार हुआ है.
उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री और अदानी के बीच क्या रिश्ता है? उन्होंने ये भी सवाल किया, “अदानी समूह से जुड़ी कंपनियों को 20 हज़ार करोड़ (3 अरब डॉलर) दिए गए हैं, वो किसके हैं?”
उन्होंने बीजेपी पर बार-बार इस मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा, “मैंने संसद में मोदी और अदानी के क़रीबी रिश्तों के बारे में सबूत दिए, स्पीकर को विस्तार के साथ इसके बारे में लिखा. मैंने इसमें डिफेन्स इंडस्ट्री और एयरपोर्ट के बारे में लिखा जिसके रिसर्च से जुड़े सभी दस्तावेज़ और प्रेस क्लिपिंग भी उन्हें दिए.”

उन्होंने कहा, “मैंने स्पीकर को बताया कि नियम बदलकर अदानी को एयरपोर्ट दिए गए हैं लेकिन इससे कोई फर्क़ नहीं पड़ा.”
उन्होंने कहा, “मैंने जो आरोप लगाए थे उस स्पीच को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया. लेकिन इस बात को नज़रअंदाज़ कर दिया गया कि 20 हज़ार करोड़ (3 अरब डॉलर) किसके हैं.”
उन्होंने लंदन में हाल में दी गई अपनी स्पीच के बारे में लगाए गए बीजेपी के आरोपों की तरफ इशारा करते हुए कहा, “मुझ पर आरोप लगाया गया कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है.”
राहुल गांधी ने स्पीकर पर भी गंभीर आरोप लगाए और कहा, “पहली चिट्ठी का उत्तर नहीं मिलने के बाद मैंने फिर से स्पीकर को चिट्ठी लिखी लेकिन उन्होंने मुझसे मुस्कुराकर कहा कि वो कुछ नहीं कर सकते.”

उन्होंने कहा कि “मुझे डर नहीं लगता, मैं सवाल करना जारी रखूंगा. चुप रहने का मेरा इतिहास नहीं रहा है.”
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय को सवाल करना चाहिए कि अदानी के पास जो पैसे आए वो कहां से आए, क्योंकि ये मामला भारत की सुरक्षा से जुड़ा है.
राहुल गांधी का इशारा इस बात की तरफ था कि साल 2017 में अदानी समूह ने स्वीडन की एक कंपनी के साथ भारत में फ़ाइटर जेट बनाने के लिए करार किया था.

राहुल गांधी ने आरोप लगाया, “अदानी की कंपनियों को 20 हज़ार करोड़ रुपये मिले हैं, किसी को नहीं पता ये पैसे किसके हैं.”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को डर है कि मोदी-अदानी रिश्ते की सच्चाई लोगों के सामने आ जाएगी इसलिए मुझे रोका जा रहा है. लेकिन हम रुकेंगे नहीं, हम अपना काम जारी रखेंगे.”
एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि राहुल गांधी कोर्ट में माफी क्यों नहीं मागते. इसके उत्तर में राहुल गांधी ने तंज़ कसते हुए कहा, “मैं सावरकर नहीं हूं, मैं गांधी हूं और गांधी माफी नहीं मांगता.”
उन्होंने कहा, “इस देश में लोकतंत्र ख़त्म हो गया है, जो इसका विरोध करते हैं उनकी आवाज़ को दबा दिया जाता है.”

राहुल गांधी को जिस बयान के लिए दो साल की सज़ा हुई है वो उन्होंने साल 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक के कोलार में दिया था.
उन्होंने कथित तौर पर ये कहा था, “इन सभी चोरों का उपनाम (सरनेम) मोदी क्यों है?”
राहुल गांधी के इस बयान के ख़िलाफ़ बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था. पूर्णेश मोदी सूरत पश्चिमी से बीजेपी विधायक हैं और पेशे से वकील हैं. वह भूपेंद्र पटेल की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
पूर्णेश मोदी का आरोप था कि राहुल गांधी की इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की है. इस मामले की सुनवाई सूरत की अदालत में हुई.
राहुल गांधी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया था. भारतीय दंड विधान की धारा 499 में आपराधिक मानहानि के मामलों में अधिकतम दो साल की सज़ा का प्रावधान है. उन्हें अधिकतम सज़ा सुनाई गई है.

इसके बाद राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई. अनुच्छेद 102(1) और 191(1) के अनुसार अगर संसद या विधानसभा का कोई सदस्य, लाभ के किसी पद को लेता है, दिमाग़ी रूप से अस्वस्थ है, दिवालिया है या फिर वैध भारतीय नागरिक नहीं है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी.

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