हरिद्वार : मातृ सदन की PM मोदी से अपील – खतरे में गंगा की पवित्रता_कठोर कार्यवाही की मांग..

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हरिद्वार : मातृ सदन, एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक संस्था, ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नियुक्ति पर कड़ा विरोध जताया है। संस्था ने मुख्यमंत्री के कार्यकाल को राज्य के लिए विनाशकारी और भ्रष्टाचार से लदा हुआ बताते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।

मातृ सदन के प्रमुख ब्रह्मचारी सुधानंद ने एक पत्र में आरोप लगाया कि पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को माफियाओं का गढ़ बना दिया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री न केवल भ्रष्ट हैं, बल्कि गंगा और हिमालय के पर्यावरणीय संतुलन की उपेक्षा कर रहे हैं। उनके आरोपों के अनुसार, धामी और उनके परिवार के सदस्य अवैध खनन और भूमि माफिया से जुड़े हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एक ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जा सकता है, जो माफिया और भ्रष्टाचार के साथ जुड़ा हो?

ब्रह्मचारी सुधानंद ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हरियाणा और चंडीगढ़ से माफियाओं को हरिद्वार बुलाकर गंगा के प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया है, जिससे गंगा की पवित्रता खतरे में पड़ गई है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अक्टूबर 2019 को मातृ सदन को यह आश्वासन दिया था कि गंगा पर कोई नई परियोजना स्वीकृत नहीं होगी और रायवाला से भोगपुर तक के क्षेत्र में खनन और क्रशिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बावजूद, मुख्यमंत्री धामी ने इस निर्देश की अनदेखी करते हुए पर्यावरणीय विनाश को बढ़ावा दिया है।

सुधानंद ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें, क्योंकि मुख्यमंत्री धामी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गंगा और उसकी सहायक नदियों पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स की संख्या बढ़ाने की अनुमति मांगी है। यह कदम पर्यावरणीय संकट को और बढ़ा सकता है, जबकि पहले ही कुछ परियोजनाओं को पर्यावरणीय सुरक्षा कारणों से रोका जा चुका है।

मातृ सदन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी नई परियोजना की मंजूरी का विरोध करेगी और इस पर उचित मंच पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराएगी। संस्था ने प्रधानमंत्री से यह सवाल किया कि एक ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री क्यों नियुक्त किया गया, जो न केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है, बल्कि गंगा और हिमालय जैसे पवित्र प्राकृतिक संसाधनों की भी अनदेखी कर रहा है।

इस पत्र में यह भी कहा गया है कि उत्तराखंड के लोग मुख्यमंत्री से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह उनके हितों की रक्षा करेंगे, जब खुद मुख्यमंत्री और उनका परिवार भ्रष्टाचार में शामिल हो। अगर जल्द से जल्द इस पर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो गंगा, हिमालय और उत्तराखंड का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।

मातृ सदन ने प्रधानमंत्री से तत्काल कार्रवाई की अपील की है, ताकि उत्तराखंड को इस भ्रष्टाचार और माफियाराज से मुक्त किया जा सके।

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