उत्तराखंड के सोनप्रयाग में भू स्खलन के चलते बड़े हादसे की खबर सामने आ रही है। सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में आज मंगलवार को रेस्क्यू के दौरान मलबे में दबे चार शव और निकाले गए। मृतकों की संख्या अब पांच हो गई है। तीन घायल अस्पताल में भर्ती हैं।
सोमवार देर शाम केदारनाथ से लौट रहे आठ यात्री सोनप्रयाग में ऊर्जा निगम के पावर हाउस के समीप भूस्खलन जोन में पहाड़ी से गिर रहे पत्थर व मलबे में फंस गए। सूचना पर उप निरीक्षक आशीष डिमरी के नेतृत्व में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के दौरान एक शव बरामद किया गया, जिसकी शिनाख्त गोपाल (50 ) पुत्र भक्तराम, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है।
वहीं, जीवछ तिवारी पुत्र रामचरित्र, मनप्रीत सिंह पुत्र कश्मीर सिंह और छगन लाल पुत्र भक्तरामन घायल हो गए, जिन्हें सोनप्रयाग पहुंचाया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सोनप्रयाग बाजार से लगभग एक किमी आगे भूस्खलन जोन में पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिरने से वह फंस गए थे। क्षेत्र में अन्य यात्रियों की होने की संभावना को देखते हुए खोजबीन की जा रही थी, जिसमें आज मंगलवार को तीन शव बरामद हुए।
अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि सोमवार शाम करीब 7:30 बजे सूचना मिली कि कोतवाली सोनप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत गौरीकुंड से सोनप्रयाग की ओर आ रहे कुछ यात्री भूस्खलन के मलबे में दब गए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया। रात के समय खराब मौसम और लगातार मलबे एवं पत्थरों के गिरने के कारण रेस्क्यू अभियान में बाधा आई और अभियान को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
बचाव अभियान के दौरान कुछ समय बाद एक और महिला को मलबे से निकाला गया, जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस भूस्खलन हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए कदम :-
जिला पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र रात 6:30 बजे के बाद आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी थी। जिन यात्रियों ने इस समय से पहले गौरीकुंड से सोनप्रयाग की ओर प्रस्थान किया था, वे इस हादसे का शिकार हो गए। जिला प्रशासन की ओर से राहत कार्य और पुनः मार्ग बहाली की कोशिशें जारी हैं। अब तक बाधित मार्ग को पैदल यात्रियों के लिए खोल दिया गया है और यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुँचाया जा रहा है।
घायलों का विवरण :-
जीवच तिवारी, पुत्र रामचरित, निवासी धनवा, नेपाल (उम्र 60 वर्ष)
मनप्रीत सिंह, पुत्र कश्मीर सिंह, निवासी वेस्ट बंगाल (उम्र 30 वर्ष)
छगनलाल, पुत्र भक्त राम, निवासी राजोत, जिला धार, मध्य प्रदेश (उम्र 45 वर्ष)
मृतकों का विवरण :-
गोपाल, पुत्र भक्तराम, निवासी जीजोड़ा, पो0 राजोद, जिला धार, मध्य प्रदेश (उम्र 50 वर्ष)
दुर्गाबाई खापर, पत्नी संघनलाल, निवासी नेपावाली, जिला घाट, मध्य प्रदेश (उम्र 50 वर्ष)
तितली देवी, पत्नी राजेंद्र मंडल, निवासी ग्राम वैदेही, जिला धनवा, नेपाल (उम्र 70 वर्ष)
भारत भाई निरालाल, पुत्र निरालाल पटेल, निवासी ए 301 सरदार पैलेस, करवाल नगर, खटोदरा, सूरत, गुजरात (उम्र 52 वर्ष)
समनबाई, पत्नी शालक राम, निवासी झिझोरा, जिला धार, मध्य प्रदेश (उम्र 50 वर्ष)
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है और प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं।
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