दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक महीने से अधिक लंबे ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों के धरने को लेकर दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपना लिया है. दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे पहलवानों को हिरासत में ले लिया. दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों का तंबू भी हटा दिया है.
फोगाट बहनों की फोटो ट्वीट कर DCW चीफ ने किया तंज
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने फोगाट बहनों की एक तस्वीर ट्वीट किया है. इस तस्वीर में संगीता फोगाट और विनेश फोगाट, दोनों बहनें एक-दूसरे से लिपटकर रोड पर लेटी नजर आ रही हैं. कहा जा रहा है कि पुलिस ने जब पहलवानों का नए संसद भवन तक मार्च से रोका और उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की तब दोनों बहनें एक-दूसरे से लिपटकर रोड पर ही लेट गईं.
देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का गवाह पूरा देश बना। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में एक ऐसी घटना भी हो गई, जिस पर पूरा देश अफसोस जता रहा है। सड़कों पर रोती बिलखती देश की बेटियों की तस्वीरें लोगों को परेशान कर रही हैं। दरअसल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन आरोपों के खिलाफ पिछले 36 दिनों से धरने पर बैठे पहलवान अचानक रविवार को नए संसद भवन की ओर कूच पर निकल गए।
पहलवानों ने संसद की तरफ कुछ कदम ही आगे बढ़ पाए थे कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने विरोध के बीच उन्हें हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई का पहलवानों ने जमकर विरोध किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को हिरासत लेकर उनके कूच को विफल कर दिया।
दिल्ली पुलिस ने बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक समेत सभी प्रदर्शनकारी पहलवानों को उनके समर्थकों समेत हिरासत में ले लिया है और रविवार को जंतर-मंतर पर धरना स्थल पर लगे उनके टेंट को भी हटा दिया है। जंतर-मंतर पर अफरातफरी के बीच पहलवानों और पुलिस अधिकारियों ने एक-दूसरे को धक्का दिया और विनेश फोगाट और उनकी बहन संगीता फोगाट ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की।
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया। इससे जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन का अंत हो सकता है। पहलवानों को जबरदस्ती बसों में बैठाकर अज्ञात स्थल पर भेज दिया गया। पुलिस ने इसके बाद पहलवानों के अन्य सामान के साथ चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत को हटा दिया।
विनेश ने हिरासत में लिए जाने के प्रयास के दौरान कड़ा प्रतिरोध किया और संगीता उनसे लिपट कर सड़क पर लेट गई। इस दौरान जंतर मंतर पर हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। अधिकारियों ने पहलवानों से कहा कि वे देश विरोधी कुछ भी न करें। उधर इस मामले को लेकर देश की सियासत गरमा गई है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अरविंद केजरीवाल समेत कई नेता पहलवानों के समर्थन में सामने आ गए हैं और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं।
जनता की आवाज कुचल रहा है ‘अहंकारी राजा’, भड़के राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद रविवार को आरोप लगाया कि ‘राज्याभिषेक’ पूरा होने के पश्चात ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर जनता की आवाज को कुचल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किए जाने का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘राज्याभिषेक पूरा हुआ – ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़!’
‘पहलवानों को हिरासत में लेना बेहद निंदनीय’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पहलवानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं।
‘वे देश के चैंपियन हैं, आतंकवादी नहीं’दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को हिरासत में लिए जाने और जंतर-मंतर पर जगह खाली कराने के बाद ट्विटर पर पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की। मालीवाल ने साक्षी मलिक को जबरन पुलिस हिरासत में लिए जाने की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, यह साक्षी मलिक हैं। ओलंपिक पदक विजेता, पद्म श्री और खेल रत्न पुरस्कार विजेता।
आज उन्हें दिल्ली की सड़कों पर ऐसे घसीटा गया। एक अन्य ट्वीट में पुनिया को हिरासत में लिए जाने की तस्वीर साझा करते हुए मालीवाल ने कहा,यह बजरंग पुनिया है। वह एक ओलंपिक पदक विजेता और पद्मश्री, खेल रत्न पुरस्कार विजेता भी हैं। उन्होंने महिला पहलवानों के लिए न्याय के लिए लड़ने को लेकर अपना पूरा करियर जोखिम में डाल दिया है। उन्हें भी दिल्ली पुलिस ने घसीटा और हिरासत में लिया है! उन्होंने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा, वे देश के चैंपियन हैं, आतंकवादी नहीं! शर्मनाक।
प्रियंका गांधी का ट्वीट
पहलवानों के समर्थन में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं. उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है. भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है. ये एकदम गलत है, पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है.’
दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने नए संसद भवन तक शांतिपूर्ण मार्च का ऐलान किया था. पहलवान पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 11 बजकर 30 मिनट पर नए संसद भवन के लिए निकले. दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर रखी थी.
ऐसा लगता है कि पुलिस अब पहलवानों को दोबारा धरना स्थल पर आने की स्वीकृति नहीं देगी लेकिन इस संदर्भ में अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पुलिस ने पहलवानों को चेताया था कि वे संसद की तरफ नहीं जाएं लेकिन वे आगे बढ़े जिसके बाद झड़प हुई। शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था।
बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। जंतर-मंतर पर अफरातफरी के बीच पहलवानों और पुलिस अधिकारियों ने एक-दूसरे को धक्का दिया और विनेश फोगाट और उनकी बहन संगीता फोगाट ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। विनेश ने हिरासत में लिए जाने के प्रयास के दौरान कड़ा प्रतिरोध किया और संगीता उनसे लिपट कर सड़क पर लेट गई। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कई अन्य पहलवानों और उनके समर्थकों के साथ घसीटते हुए बसों में बैठा दिया। कानून और व्यवस्था के विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने कहा, ‘उन्हें कानून और व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। हम जांच के बाद कानूनी कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘हमें पूरी स्थिति का आकलन करने की आवश्यकता है। जैसा कि आपने देखा है कि बैरिकेड टूट गए हैं और वे अनुरोध और चेतावनी के बावजूद आगे बढ़ गए इसलिए हमने उन्हें यहां से हटा दिया है। अहम बात यह है कि सभी स्थितियों में शांति बनाए रखी जाएगी। हम यह सुनिश्चित करने के लिए पेशेवर कदम उठाएंगे कि कुछ भी गलत नहीं हो। इससे पहले पाठक ने पहलवानों से नए संसद भवन के उद्घाटन के ‘ऐतिहासिक दिन’ पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होने का आग्रह किया था।
उन्होंने कहा, ‘आज हमारी नई संसद का उद्घाटन है। यह हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन और गर्व का क्षण है। इसलिए इस दिन किसी भी प्रकार का आंदोलन या मार्च राष्ट्र-विरोधी है। किसी भी तरह से दिल्ली पुलिस कोई चूक नहीं करेगी। हम अपने खिलाड़ियों का सम्मान और उन्हें प्यार करते हैं लेकिन किसी भी अप्रिय घटना की अनुमति नहीं दे सकते।’ हाथापाई के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं। एक महिला कांस्टेबल इस दौरान असहज दिख रही थी और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। पहलवानों के नए संसद भवन के सामने रविवार को ‘महिला सम्मान महापंचायत’ के आह्वान के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर सुरक्षा कड़ी कर दी थी।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]