उत्तराखंड : जोशीमठ आपदा प्रभावित के लिए मॉडल प्री-फेब्रीकेटेड भवन एक सप्ताह में तैयार किए जाएंगे। इसके लिए जोशीमठ से एक किमी पहले टीसीपी तिराहा के पास उद्यान विभाग की भूमि का चयन किया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि टीसीपी तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि है।
सीबीआरआई की ओर से इस भूमि को हरी झंडी दी गई है। एक सप्ताह के भीतर यहां वन-बीएचके, टू-बीएचके और थ्री बीएचके के तीन मॉडल घर तैयार हो जाएंगे। इसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है। एजेंसी के लोग बुधवार तक जोशीमठ पहुंच जाएंगे।
सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने मंगलवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप 207 प्रभावित परिवारों को 3.10 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है।
राहत की खबर है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 123 एल.पी.एम. हो गया है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि भारत सरकार के स्तर पर केन्द्र के तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ के अर्न्तगत आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने हेतु टाईमलाइन दी गयी है।
सीबीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को तीन सप्ताह, एनजीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह, वाडिया संस्थान के 07 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, जीएसआई के सात वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, सीजीडब्ल्यूबी के 04 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट एक सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह तथा आईआईआरएस को एक सप्ताह में प्रारम्भिक रिपोर्ट तथा तीन माह में अन्तिम रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि टी.सी.पी. तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाये जाने हेतु चिन्हित किया गया है। जे.पी. के 15 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें तोड़ने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 167 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 838 है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।
इस जगह पर शिफ्ट किया जाएगा नरसिंह मंदिर का सोने-चांदी से भरा खजाना
उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसकने ने बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. जमीन धंसकने की वजह से अब वहां के मंदिर भी खतरे में पड़ गए हैं. जमीन धंसने को देखते हुए जोशीमठ के नरसिंह मंदिर ने अपने खजाने को कहीं और शिफ्ट करने का फैसला किया है.
भगवान नरसिंह देव मंदिर में चढ़ाए गए 35 कुंटल चांदी को पीपलकोटी गेस्ट हाउस शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. बद्री केदार मंदिर समिति इस मंदिर के खजाने को पीपलकोटी शिफ्ट करने की तैयारी कर रही है.जोशीमठ में लगातार बढ़ती जा रही दरारों के कारण लिया गया है यह बड़ा फैसला. समिति का मानना है कि जोशीमठ में हालात सामान्य होने में लगेगा लंबा समय. ऐसे में मंदिर में खजाने को रखना खतरनाक हो सकता है।
क्या कहना है मंदिर समिति का
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक बद्री केदार मंदिर समिति के प्रमुख अजेंद्र अजय ने कहा, ” मंदिर के खजाने में 30-35 क्लिंटल चांदी और 40-45 किलो सोना है. जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए हमने मंदिर के खजाने को अपने पीपलकोटी गेस्ट हाउस में शिफ्ट करने का फैसला किया है.इसकी तैयारी कर ली गई है. ”
उन्होंने कहा, ”मैंने कुछ समय पहले जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखकर जोशीमठ के नरसिंह मंदिर पर एक रिपोर्ट मांगी थी. उन्होंने बताया कि शुरूआती रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी मंदिर परिसर को कोई खतरा नहीं है.”
जोशीमठ का नरसिंह मंदिर
जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है.सप्त बद्री के एक भाग के रूप में यह मंदिर प्रसिद्ध है. नरसिंह मंदिर को नरसिंह बद्री मंदिर भी कहा जाता है, इस मंदिर में देवता आधे शेर और आधे आदमी के रूप में भगवान विष्णु (नरसिंह अवतार) के चौथे अवतार के रूप में स्थापित है. यह जोशीमठ के लोअर बाजार इलाके में स्थित है. यह मंदिर जोशीमठ यात्रा के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है.
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