उत्तराखंड से बड़ी खबर..
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के बाद अब उत्तराखंड के हरिद्वार में भी कांवड़ यात्रा के रूट पर मौजूद खान पान की दुकानों पर उनके मालिक के नाम लिखने पर पुलिस जोर दे रही है।
उत्तराखंड के हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों से बातचीत में इसकी पुष्टि की है।
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल के मुताबिक़ कांवड़ यात्रा के दौरान ऐसी दुकानों को लेकर कई बार विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है, मालिक का नाम नहीं लिखे होने से कई बार कांवड़ यात्री आपत्ति भी करते हैं.
प्रमेंद्र डोभाल का कहना है, “इस संबंध में हरिद्वार पुलिस कांवड़ यात्रा के मार्ग में जितनी भी दुकानें, रेस्टोरेंट, ढाबे और रेहड़ी- पटरी हैं, उनके मालिक के नाम और ‘क्यू आर’ कोड की पुष्टि कर उसे लिखने पर ज़ोर दे रही है।
इससे पहले मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस के ऐसे ही एक निर्देश को लेकर उपजा विवाद अब तक शांत नहीं हुआ है.
मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस के निर्देश के बाद गीतकार जावेद अख़्तर से लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश यादव और मायावती ने इसकी आलोचना की थी।
बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने भी ऐसे आदेश को ‘छुआछूत’ से जोड़ा है।
हालांकि ये व्यवस्था कावड़ लेकर आने वाले भक्तों की सहूलियत के लिए प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद सियासी दलों में भी बयान बाजी का दौर शुरू हो गया है। इन सब के बीच सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के अपने कमेंट देने लगे हैं।
वही एक यूजर ने प्रशासन और सरकार को ही आड़े हाथों लेते हुए आइना दिखा दिया है। यूज़र ने लिखा है कि यदि प्रशासन को भक्तों की इतनी ही चिंता है तो कावड़ लेकर आने वाले भक्तों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था हर जगह हर चौराहा पर सरकार द्वारा किया जाना चाहिए।ये केवल जनता को मूर्ख बनाने और मूल मुददो से भटकाने की कोशिश है। याद रखिए आप अयोध्या और बद्रीनाथ हार चुके हैं भगवान नहीं चाहते कि आप सत्ता की गद्दी पर विराजमान रहें।
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