नैनीताल में अतिक्रमण हटाने लाव लश्कर साथ पहुंची प्रशासन और वन विभाग की टीम लौटी बैरंग..

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ऊत्तराखण्ड में नैनीताल वन विभाग की टीम आधी अधूरी तैयारी के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंची, जिसके बाद टीम वन विभाग को खानापूर्ति कर लौटना पड़ा। एस.डी.ओ.ने कहा कि आवासीय अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जरूरी है। एस.डी.एम.ने कहा कि बिना नोटिस के गैर आवासीय या व्यावसायिक अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा सकता है।


नैनीताल के बारह पत्थर क्षेत्र में आज अतिक्रमण हटाने के लिए वन विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन और नगर पालिका की टीम को बैरंग लौटना पड़ा।

फॉरेस्ट टीम सवेरे बारह पत्थर क्षेत्र में घोड़ा स्टैंड पहुंची, उनके साथ जिला प्रशासन की टीम से एस.डी.एम.और तहसीलदार पहुंचे, नगर पालिका की तरफ से टी.आई.और कोतवाल मल्लीताल पहुंचे। इस दौरान फॉरेस्ट के एस.डी.ओ.राज कुमार, भवाली के रेंजर विजय मेलकानी, मनोरा के रेंजर मुकुल शर्मा, नगर पालिका और नयना रेंज के रेंजर प्रमोद तिवारी के अलावा डिप्टी रेंजर, 25 फॉरेस्टर और 15 वन रक्षक पहुंचे थे। इतनी लंबी चौड़ी टीम लेकर पहुंची सरकारी टीम तब उल्टे पैर लौट गई जब एस.डी.एम.राहुल साह ने एस.डी.ओ.से पूछा कि क्या इन लोगों को नोटिस दिया गया है ? एस.डी.एम.ने पूछा कि क्या विभाग ने एनक्रोचमेंट मार्क किया है ? जिसपर उन्हें जवाब मिला कि अतिक्रमणकारियों को मौखिक कहा गया है। लीज पर दी गई भूमि से अधिक निर्माण को ध्वस्त किया गया। खबर लिखे जाने तक वन विभाग ने सड़क किनारे बने महज एक छोटे से तिरपाल को हटाने जैसी खाना पूर्ति की, जिससे इतनी बड़ी टीम का बेफिजूल समय खराब हुआ। सड़क किनारे हुए अतिक्रमण को खुद अतिक्रमणकारियों ने हटाया। उन्होंने विभाग से ये भी कहा कि फिक्स पॉइंक्ट बनाकर नोटिस दिए जाएं और फिर अतिक्रमण को हटाएं।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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