उत्तराखंड : मुख्य सचिव की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक,सभी जिलों को अहम निर्देश

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देहरादून: सचिव समिति की बैठक में ‘विकसित भारत 2047’ को लेकर कार्ययोजना तैयार करने पर दिया गया जोर

राज्य के प्रशासनिक ढांचे को सशक्त करने और भविष्य की विकास योजनाओं को गति देने के उद्देश्य से मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिव समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के सभी वरिष्ठ सचिवों के साथ-साथ जनपदों के जिलाधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

कोविड संक्रमण पर समीक्षा
बैठक की शुरुआत में मुख्य सचिव ने सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार से राज्य में कोविड संक्रमण की स्थिति पर विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सतर्कता बनाए रखने और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में ठोस कदम
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल ही में गवर्निंग काउंसिल की बैठक में दिए गए संबोधन की मुख्य बातों को साझा किया और सभी अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए हमें ‘विकसित ग्राम’, ‘विकसित शहर’ और ‘विकसित जनपद’ की अवधारणा पर केंद्रित योजनाएं तैयार करनी होंगी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अगले 10 वर्षों के लिए अपने-अपने जनपदों का एक व्यापक विकास लक्ष्य निर्धारित करें और उसके अनुरूप कार्ययोजना बनाएं।

वैश्विक मानकों पर विकसित होगा एक स्थान
मुख्य सचिव ने कहा कि हर राज्य को एक ऐसे स्थान को चिन्हित करना होगा, जिसे वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित किया जाए। इसके लिए शीघ्र कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, प्रदेश में उत्पादित वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने की दिशा में उद्योग विभाग को एक विस्तृत योजना बनाने को कहा गया।

नई तकनीकों और ईवी सेक्टर पर जोर
बैठक में प्रौद्योगिकी आधारित विकास को गति देने की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि 21वीं सदी तकनीक-आधारित सदी है और राज्य की योजनाओं में अधिकतम तकनीक का उपयोग करते हुए सेवाएं आम जनता तक समय पर पहुंचाई जानी चाहिए। उन्होंने इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर को भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए इसके विस्तार हेतु ठोस प्रयास करने की बात कही। साथ ही, तकनीकी प्रशिक्षण को शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ने के निर्देश भी दिए।

वैदिक गणित एवं सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा
मुख्य सचिव ने प्रदेश में वैदिक गणित को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभागों को समन्वय में कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने पांडुलिपियों के डिजिटाइजेशन पर बल देते हुए संस्कृति विभाग को इन्हें डिजिटल और भौतिक दोनों रूपों में संरक्षित करने के निर्देश दिए।

राज्य में साइबर सुरक्षा के लिए इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम का गठन
मुख्य सचिव ने गृह और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से प्रदेश में ‘स्टेट कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉंस टीम (CERT)’ के गठन पर बल दिया और कहा कि राज्य में एक मजबूत साइबर सुरक्षा ईकोसिस्टम तैयार किया जाए, ताकि डिजिटल ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

लंबित मुद्दों के निस्तारण और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने जनपदों के दीर्घकालिक और लैगेसी मामलों को चिन्हित कर संबंधित विभागों को भेजें ताकि उनका उच्च स्तर पर शीघ्र निस्तारण किया जा सके। साथ ही, 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को वृहद् स्तर पर मनाने की बात कही। इसके लिए प्रमुख सचिव वन श्री आर. के. सुधांशु को समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई।

बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, श्रीमती राधिका झा, दिलीप जावलकर, रविनाथ रमन, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, दीपक रावत, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, श्री विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, रणवीर सिंह चौहान एवं युगल किशोर पंत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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