उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार के सुमन नगर में टिहरी विस्थापितों को मूलभूत सुविधाओ से वंचित रखने संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, एम.डी.डी.ए., सहित सम्बंधित विभागों से 12 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई 12 जुलाई को तय की है।
मामले के अनुसार हरिद्वार की जनकल्याण समिति ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने टिहरी बांध विस्थापितों का हरिद्वार के सुमन नगर में पुनर्वास किया है। वहां पर अभी तक स्कूल, सीवर लाइन, अस्पताल सहित कई अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इन सुविधाओं के लिए विस्थापितों को अन्य जगह जाना पड़ता है।
समिति ने जनहित याचिका में प्रार्थना की है कि वहां पर रह रहे लोगों को जरूरी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के सम्बंध में सरकार को निर्देश दीए जाएं। कहा गया कि इससे पहले भी विस्थापितों ने राज्य सरकार और जिला प्रसाशन को कई बार इस सम्बंध में ज्ञापन दिया। लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकाला गया है।
जनहीत याचिका में यह भी कहा गया कि विस्थापितों के आसपास भू माफियाओं ने मल्टीस्टोरी भवन बना दिये हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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