उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने राज्य के पॉलिटेक्निकों में 527 खाली पड़े अलग अलग पदों को भरने के लिए जारी विज्ञप्ति की शर्तों को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए उन अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में शामिल करने को कहा है जो विज्ञप्ति में जारी शर्तों के अनुसार बीफार्मा में फर्स्ट डिवीजन नहीं आए थे।
वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के इस आदेश के बाद बीफार्मा में सेकंड डिबिजन व अन्य भी परीक्षा दे सकेंगे। यह प्रक्रिया न्यायालय के निर्णय के अधीन रहेगी।
मामले के अनुसार पौड़ी निवासी विनोद सहित कई अन्य अभ्यर्थियो ने 7 जुलाई 23 को जारी विज्ञप्ति को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने पॉलिटेक्निक में खाली पड़े 527 विभिन्न पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। विज्ञप्ति में यह शर्त रखी गई कि इसमें केवल वो अभ्यर्थी शामिल होंगे जिनकी बी-फार्मा में फर्स्ट डिवीजन आई है। इस वजह से वो इस भर्ती प्रक्रिया में अपात्र हैं।
प्रार्थना में कहा गया कि उन्हें इसमें प्रतिभाग करने की अनुमति दी जाय, क्योंकि राज्य सरकार ने खाली पड़े पदों को भरने के लिए 2015 के बाद से अब विज्ञप्ति निकाली है और इससे पहले यह नियम लागू था ही नहीं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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