उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नगर निगम ऋषिकेश द्वारा शहर के सौन्दर्यकरण के नाम पर सरकारी धन से दस करोड़ रुपयों का दुरप्रयोग करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका में याचिकाकर्ता से ठोस सबूत पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने इस जनहित याचिका को सुना।
ममले के अनुसार देहरादून निवासी आशुतोष शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि ओ.एन.जी.सी.ने दस करोड़ रुपये शहर के सौन्दर्यकरण के लिए नगर निगम को दिए। नगर निगम ने इसका ठेका पाल फाउंडेशन को दिया, लेकिन नगर और अन्य जगहों पर इस धनराशि का नियमो के तहत उपयोग नही किया गया।
नियमो के तहत जो सौन्दर्यकरण के कार्य होने थे, वे नही किये गए। उन्होंने, इसकी शिकायत प्रसाशन से बार बार की लेकिन शिकायतों पर कोई ध्यान नही दिया गया। उनके प्रत्यावेदन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया इस वजह से उनको उच्च न्यायलय की शरण लेनी पड़ी। याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की है कि इस मामले की जांच कराई जाय और दोषी पाए गए लोगो के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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