उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून पुलिस द्वारा ग्राफिक ऐरा विश्वविघालय के छात्र पर जबरन चरस की एफ.आई.आर.लगाने के मामले को निरस्त करने और कार्रवाई पर रोक लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पूरी कार्रवाई पर रोक लगा दी है और जांच अधिकारी से 19 सितंबर तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने अगली तिथि 19 सितंबर को तय की है।
मामले के अनुसार याचिकाकर्ता पारस की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि उसके ऊपर दर्ज एफ.आई.आर.निरस्त कर सभी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। युवक का कहना है कि देहरादून की क्लेमन टाउन पुलिस 16 जून को उसे और उसकी दोस्त को एक साथ दुकान से पकड़कर थाने लाई और उसकी दोस्त का चालान काटकर उसे छोड़ दिया जबकि उसके खिलाफ चरस के साथ जंगल में पकड़े जाने का मुकदमा दर्ज कर दिया।
जब युवक के पिता ने दुकान की सी.सी.टी.वी.फुटेज निकलवाई तो उसमें याची को पुलिस दुकान से पकड़कर ले जा रही थी और उसके साथ उसकी मित्र भी थी। इसके आधार पर निचली अदालत से उसे जमानत मिल गई है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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