उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने काशीपुर में ई रिक्शा के रूट तय करने संबंधी जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए ट्रांसपोर्ट कमनिशर को पक्षकार बनाते हुए ई रिक्शो के रूट तय करने सम्बंधित प्लान दो माह के भीतर पेश करने को कहा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ती विवेक भारती शर्मा की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई मार्च माह के लिए तय की है।
मामले के अनुसार काशीपुर निवासी अभिमन्यु भारद्वाज ने उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि काशीपुर में रिक्शा के रूट निर्धारित नहीं हैं। इसकी वजह से हाइवे समेत अन्य रूटों पर ई रिक्शा चलाये जा रहे हैं, जबकि इनकी गति केवल 25 किलोमीटर प्रति घन्टा है। इनके हाइवे में चलने से कभी भी बडी दुर्घटना हो सकती।
केंद्र सरकार ने ई रिक्शा चलाने के लिए मोटर यान अधिनियम की धारा 66 में इन्हें परमिट की छूट दी है और रूट का निर्धारण राज्य सरकार पर छोडा है। लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इनके संचालन के रूटों का निर्धारण नहीं किया है। परमिट की कोई अनिवार्यता नहीं होने के कारण इनकी संख्या में भी बढ़ोतरी होती जा रही। जनहित याचिका में न्यायालय से प्राथर्ना की गई है कि ई रिक्शा के रूटों का निर्धारण किया जाय।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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