उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के एक सार्वजनिक पार्क का नियमविरुद्ध तरीके से व्यवसायिक उपयोग किये जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए विपक्षियों से दस दिन के भीतर अपना शपथपत्र पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से चार सप्ताह के भीतर प्रति शपथपत्र पेश करने को कहा है।
मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने यह भी आदेश दिआ है कि इसमे तीसरा कोई पक्षकार हस्तक्षेप न करें। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होनी तय हुई है।
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी ललित मोहन सिंह नेगी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि 1993 में कंपनी निदेशक हृदयेश कुमार की एस.एस.कुमार एंड कम्पनी को गार्डन बनाने के लिए एक पार्क लीज में दिया गया। लेकिन बाद में इस कम्पनी ने जिला प्रशासन से इस पार्क को फ्री होल्ड करवा लिया और उसे व्यवसायिक कार्यों के लिये बेच दिया। जनहीत याचिका में कई अन्य पार्कों जिनमें कृष्णा हॉस्पिटल के सामने का पार्क आदि मुख्य हैं में भी वाहन पार्किंग व अन्य गतिविधियां होने का जिक्र किया गया है।
जबकि उनका उपयोग पार्क के रूप में किया जाना तय था। प्रसाशन से कई बार शिकायत करने के बाद भी इन पार्कों को खाली नहीं कराया गया और न ही पार्कों का सौन्दर्यकरण किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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