उत्तराखंड में नैनीताल के जिला एवं सत्र न्यायालय में अधिवक्ताओं के चैम्बरों का उद्घाटन उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने किया। इस मौके पर न्यायमूर्ति ने कहा कि युवा अधिवक्ता न्यायालय में केसों की पेंडेंसी को कम कर सकते हैं।
नैनीताल की ब्रिटिशकालीन जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबे समय से अधिवक्ताओं के चैम्बरों को बनाने की मांग चल रही थी। जिला न्यायालय और बार एसोसिएशन की संयुक्त पहल के बाद एक मंजिले भवन को बढ़ाकर तीन मंजिला नया भवन बनाया गया है। इस भवन में 21 चैम्बर हैं जिसमें लगभग 80 अधिवक्ताओं को बैठने की जगह मिलेगी।
अधिवक्ता स्वाभिमान भवन के चैम्बरों का उद्घाटन उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने किया। इस मौके पर उनके साथ जिला जज राजेंद्र जोशी भी मौजूद थे। जिला न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी का स्वागत किया। इस अवसर पर जिला न्यायालय के कई जज और हाइकोर्ट बार अध्यक्ष प्रभाकर जोशी, डी.जी.सी.एस.के.शर्मा, कैलाश जोशी, संजय सुयाल, सोहन तिवारी, शिवांशु जोशी, अंशुल ह्यांकी, दीपक रूवाली समेत सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे।
बार ने नैनीताल में नए न्यायालय या आयोग स्थापित करने की मांग की गई। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने अपने अभिभाषण में कहा कि जिला बार एसोसिएशन के अपने संसाधनों से चैम्बरों का निर्माण किया यह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि वादों की पेंडेंसी को खत्म करने में युवा बड़ी भागेदारी निभा सकते हैं। जिला जज राजेन्द्र जोशी ने कहा कि 1914 में न्यायालय की स्थापना के बाद से अधिवक्ताओं के पास बैठने की जगह नहीं थी, जो आज मिल गई है। उन्होंने कहा कि बिना किसी विधायक या सांसद निधि के इन लोगों ने व्यक्तिगत सहयोग से चैम्बरों का निर्माण किया है।
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