उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं और लगातार हो रही घोड़ों की मौतों संबंधी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जनहीत याचिका में विपक्षी जिला पंचायत चमोली और उत्तरकाशी समेत अन्य को दोबारा नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने मामले में सुनवाई की।
मामले के अनुसार समाजसेवी गौरी मौलेखी और आचार्य अजय गौतम ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि चारधाम यात्रा में अब तक 600 घोड़ों की मौत हो गयी, जिससे उस इलाके में बीमारी फैलने का खतरा बन गया है। याचिका में कहा गया है कि जानवरों और इंसानों की सुरक्षा के साथ उनको चिकित्सा सुविधा दी जाए। इसके साथ याचिका में कहा गया है कि चारधाम यात्रा में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे जानवरों और इंसानों को खाने रहने की समस्या हो रही है।
न्यायालय से मांग की गई है कि यात्रा में कैरिंग कैपेसिटी के हिसाब से ही श्रद्धालुओं और घोड़ो व खच्चरों को भेजा जाय। उतने ही लोगों को अनुमति दी जाए, जिससे लोगों को खाने पीने रहने की सुविधा मिल सके। जानवरों पर अत्याचार नही किया जाय।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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