उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिथौरागढ़ की जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा पद का दुरपयोग करने और भ्रष्टाचार करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं कि मामले की जाँच नियमावली के अनुसार कमिश्नर या किसी सक्षम एजेंसी से कराई जाए।
सरकार ने आज कहा कि मामले की प्राथमिक जाँच में घोटाले की पुष्टि हुई है। याचिकाकर्ता कि तरफ से कहा गया कि वे इस मामले की जाँच कमिश्नर या किसी अन्य एजेंसी से कराना चाहते हैं तो कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दे दिए।
आपको बता दें कि पिथौरागढ़ निवासी दिनेश सिंह बिष्ट ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोरा ने अपने पद का दुरपयोग करने के साथ ही भ्रष्टाचार भी किया है।
उन्होंने पद का दुरपयोग करते हुए कई सरकारी ठेकों का टेंडर अपने पिता के नाम जारी किया है। जब उन्होंने इसकी शिकायत सचिव पंचायतीराज से की तो उन्होंने इस प्रकरण की जांच करने के लिए 26 जून 2023 को जिलाधिकारी से कहा। लेकिन जिलाधिकारी ने इसपर कोई जांच नही की। जनहित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जाँच शीघ्र कराई जाय और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाय।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]